Rajasthan: “ना पति है, ना बेटा", बूंद-बूंद को तरसी विधवा का छलका दर्द, जालोर में पेयजल का संकट

Jalore: जालोर का कांबा गांव में पेयजल का संकट पैदा हो गया है. जल जीवन मिशन से जुड़ने के बावजूद भी इलाके की बड़ी आबादी पानी के लिए तरस रही है.

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NDTV से बातचीत में महिला ने दर्द बयां किया.

Water Crisis in Jalore: पानी के लिए तरसता जालोर का कांबा गांव, जहां महिलाएं पेयजल आपूर्ति के लिए जंगल में भटकती है. जिले के आहोर उपखंड से महज 6 किलोमीटर दूर यह ग्राम पंचायत पानी की गंभीर समस्या से जूझ रही है. 'जल जीवन मिशन' के अंतर्गत कनेक्शन मिलने के बावजूद गांव की बड़ी आबादी अब भी बूंद-बूंद पानी को तरस रही है. ग्रामीणों ने बताया कि पानी कभी-कभी ही आता है, इससे भी हर घर की सिर्फ 20 से 40 लीटर तक की आपूर्ति हो पाती है. गांव के कई इलाके ऐसे भी हैं, जहां महीने भर से पानी नहीं पहुंचा. 

महिला बोली- टैंकर के 1 हजार रुपए कहां से लाऊं

क्षेत्र की एक विधवा महिला ने रोते हुए बताया, "ना पति है, ना बेटा. घर में कनेक्शन के बाद एक बार भी पानी नहीं आया. मजबूरी में टैंकर मंगवाना पड़ता है, जिसकी कीमत 800 से 1000 रुपए है. इतने पैसे मैं कहां से लाऊं?" ग्रामीणों ने विधायक और जल जीवन मिशन के अधिकारियों को भी कई बार जानकारी दी. लेकिन उनकी समस्या का कोई ठोस समाधान नहीं हुआ. 

अधिकारियों का दावा- इतना पानी आता है कि टंकी ओवरफ्लो होती है

अधिकारी दावा करते हैं कि पानी प्रतिदिन आता है और गांव की पानी की टंकी ओवरफ्लो होती है. लेकिन टंकी के पास रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि 4 महीने में केवल एक बार ही टंकी से पानी ओवरफ्लो होते देखा गया है. स्थानीय भामाशाहों ने भी पशुओं के लिए गांव के बस स्टैंड पर बने पानी के हौद में टैंकर से पानी भरवाने की पहल की है, क्योंकि वहां भी नलों में पानी नहीं आता.

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