Janmashtami 2024: जन्माष्टमी पर 2.50 लाख की घड़ी पहनेंगे भगवान, नाथद्वारा में 21 बार तोपों से दी जाएगी सलामी

नागद्वारा श्रीनाथ जी मंदिर में रात 12 बजे जन्म के दौरान 21 बार तोपों की सलामी श्रद्धालुओं के लिए खास आकर्षण का केंद्र है.

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जन्माष्टमी पर 2.50 लाख की घड़ी पहनेंगे भगवान

Krishna Janmashtami: भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर राजस्थान में तैयारियां जोरों पर हैं. जगह-जगह मंदिरों को भव्य तरीके से सजाया गया है. जानकारी के मुताबिक, गोपीनाथ मंदिर में जन्माष्टमी के मौके पर भगवान श्रीकृष्ण को 2.50 लाख की घड़ी पहनाई जाएगी. उधर गोविंद देव जी मंदिर समेत अन्य मंदिरों में आने वाले श्रद्धालुओं को देखते हुए खास तैयारी की गई. जयपुर के मंदिरों में आने वाली भीड़ को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस ने व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस का सहयोग करने की अपील की है. 

मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया

जयपुर के अलावा कान्हा के जन्म को लेकर पुष्टिमार्ग की प्रधान प्रीत श्रीनाथजी मंदिर नाथद्वारा में हजारों भक्त कृष्ण के जन्म दर्शनों के लिए पहुंचे हैं. तेज बारिश भी भक्तों के उत्साह को कम नहीं कर पा रही. मंदिर को भी श्रीकृष्णा के स्वागत में दुल्हन की तरह सजाया गया है. श्रीनाथजी के दर्शनों को पहुंच रहे श्रद्धालुओं के अलावा रामदेवरा जाने वाले जातरूओं की भीड़ देखने को मिल रही है. शहर के सभी होटल, धर्मशालाएं और गेस्ट हाउस फुल हो चुके हैं. 

गोविंद देव जी मंदिर को लेकर दिशा निर्देश जारी

वहीं सड़कों पर भी यातायात का दबाव बढ़ गया है. जयपुर में जन्माष्टमी के मौके पर भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है. जयपुर पुलिस ने कहा कि जन्माष्टमी सोमवार, 26 अगस्त को हर्षोल्लास के साथ मनाई जाएगी. जयपुर के मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगेगी. श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि गोविंद देव जी मंदिर परिसर के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस का सहयोग करें. 

ठाकुर जी दी जाएगी 21 बार तोपों से सलामी

जानकारी के अनुसार,  गोपीनाथ मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण को 2.50 लाख की घड़ी पहनाई जाएगी. वहीं, नागद्वारा श्रीनाथ जी मंदिर में रात 12 बजे जन्म के दौरान 21 बार तोपों की सलामी श्रद्धालुओं के लिए खास आकर्षण का केंद्र है.  पुलिस एवं प्रशासन द्वारा पार्किंग की भी व्यवस्थाएं की गई है। मंदिर मण्डल द्वारा भी माकुल व्यवस्थाएं की गयी है. मंदिर के तिलकायत परिवार के सदस्य भी नाथद्वारा पहुंच चुके हैं.

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