धोखाधड़ी मामले में अकलेरा नगर पालिका अध्यक्ष पर कसा शिकंजा, कोर्ट ने दिए केस दर्ज करने के आदेश

Aklera Nagar Palika News: झालावाड़ जिले की अकलेरा नगर पालिका अध्यक्ष विजयलक्ष्मी यादव के खिलाफ फर्जी दस्तावेज मामले में न्यायालय ने अकलेरा पुलिस को मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं. अध्यक्ष विजयलक्ष्मी, उनके पति विनोद कुमार व भतीजे अमन के खिलाफ जालसाजी, पद का दुरुपयोग और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है.

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Aklera Nagar Palika News: झालावाड़ जिले की अकलेरा नगर पालिका अध्यक्ष विजयलक्ष्मी यादव के खिलाफ फर्जी दस्तावेज मामले में न्यायालय ने अकलेरा पुलिस को मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं. इसकी पालना में अकलेरा पुलिस ने नगर पालिका अध्यक्ष विजयलक्ष्मी, उनके पति विनोद कुमार व भतीजे अमन के खिलाफ जालसाजी, पद का दुरुपयोग और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है.  पुलिस ने मामले की जांच भी शुरू कर दी है. इससे पहले भी एक बार न्यायालय के आदेश पर उन्हें पद गंवानापड़ा था, लेकिन उन्होंने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया था. हालांकि डीएलबी ने अभी तक उन्हें कार्यभार ग्रहण नहीं कराया है।

जानकारी छिपाकर लड़ा था चुनाव 

मामले को लेकर अकलीरा थानाधिकारी सुखदेव सिंह ने बताया कि अकलीरा एडीजे न्यायालय के जरिए विधिक जांच की गई. जिसके आधार पर नगर पालिका अध्यक्ष विजयलक्ष्मी, उनके पति विनोद कुमार और भतीजे अमन के खिलाफ पद का दुरुपयोग, फर्जी दस्तावेज बनाने तथा धोखाधड़ी का आरोपी पाया गया. पुलिस के अनुसार कमलेश मेघवाल ने न्यायालय में साक्ष्य प्रस्तुत कर बताया था कि नगर पालिका अध्यक्ष पद के चुनाव में जब विजयलक्ष्मी ने प्रतिद्वंदी के रूप में नामांकन दाखिल किया था, तब उन्होंने अपने तीसरे बच्चे की जानकारी छिपाकर चुनाव लड़ा था.  विजयलक्ष्मी ने आवेदन में केवल दो बच्चों का उल्लेख किया था, जबकि  उसका एक और बेटा भी है, जो 27 सितंबर 2015 को अकलेरा के शफीन अस्पताल में पैदा हुआ था.

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तीसरी संतान को बताया अनिता-पप्पू का बेटा

उल्लेखनीय है कि विजयलक्ष्मी के पति विनोद कुमार भी अकलेरा नगर पालिका में चुनाव के दौरान करीब 20 साल तक यूडीसी में रहे. इस दौरान दोनों ने अपने पद का खूब दुरुपयोग किया. पहले तो उन्होंने अपने तीसरे बच्चे की पढ़ाई जारी रखने के लिए फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाया. फिर बेटे का आधार कार्ड बन जाने के बाद उसी जन्म प्रमाण पत्र को बिना किसी रिकॉर्ड के दोबारा बदलवा लिया. एक सोची समझी साजिश के तहत उन्होंने तीसरे बच्चे का तथ्य छिपाकर नगर पालिका चुनाव समिति के साथ धोखाधड़ी की और सरकारी दस्तावेजों से भी छेड़छाड़ की. इतना ही नहीं, बेटे की पढ़ाई के लिए पहले फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाया और फिर उसके जरिए आधार कार्ड बनवाया. इसके बाद चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने उस जन्म प्रमाण पत्र के रिकॉर्ड में माता-पिता का नाम तत्काल प्रभाव से बदलकर अनीता और पप्पू कर दिया, जिसका रिकॉर्ड अभी भी उपलब्ध नहीं है. 

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ऑपरेटर भतीजे ने भी किया पद का दुरुपयोग

नगरपालिका चेयरपर्सन विजयलक्ष्मी का भतीजा भी नगर पालिका में ऑपरेटर है. उसने भी अपने चाचा-चाची का साथ दिया. जब अकलेरा नगर पालिका ईओ ने इस पर आपत्ति जताई और सांख्यिकी विभाग से रिकॉर्ड मांगा तो विभाग ने मौजूदा रिकॉर्ड तो भेज दिया, लेकिन नगर पालिका में ऑपरेटर के पद पर कार्यरत विजयलक्ष्मी ने अपने भतीजे अमन को मेल से रिकॉर्ड रिसीव करवाकर गायब कर दिया.

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स्टे लाई कैलाशी बाई लेकिन नहीं सौंपा कार्यभार

इसके खिलाफ भाजपा प्रत्याशी कैलाश बाई ने जिला न्यायालय में याचिका दायर की थी. इस मामले में 37 महीने बाद न्यायालय ने अपना निर्णय देते हुए नगर पालिका अध्यक्ष विजयलक्ष्मी का निर्वाचन निरस्त कर कैलाशी बाई को निर्वाचित घोषित कर दिया.  इस पर कैलाशी बाई 2 मार्च को अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठ गई, लेकिन डीएलबी से आदेश नहीं होने के कारण उन्हें कार्यभार नहीं सौंपा गया. इस बीच 2 मार्च को ईओ ने डीएलबी से मार्गदर्शन के बाद कैलाशी बाई को कार्यभार ग्रहण करा दिया था. लेकिन 15 दिन बाद ही विजयलक्ष्मी हाईकोर्ट से स्टे ले आई और 5 अप्रैल 24 को दोबारा नगर पालिका अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठ गई, लेकिन डीएलबी ने अभी तक उन्हें कार्यभार ग्रहण नहीं कराया है.

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