Rajasthan:10 करोड़ के खर्च के बाद भी झालावाड़ फोरलेन की सूरत बिगड़ी, जयपुर डिस्कॉम की राय ने बिगाड़ा सारा खेल

Jhalawar News: झालावाड़ शहर के फोरलेन को खूबसूरत बनाने के लिए तारों के जंजाल से मुक्त करने की बात कही गई थी. अब हालात यह है कि घटिया कार्य के चलते यह केबल पहले साल में ही साथ छोड़ने लगी है

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Jhalawar News: झालावाड़ शहर के फोरलेन को खूबसूरत बनाने के लिए महीनों भर पहले इसे तारों के जंजाल से मुक्त करने की बात कही गई थी. इसके लिए पूरे रोड पर अंडरग्राउंड केबल बिछाने का निर्णय लिया गया था. इस कार्य पर प्रशासन ने 10 करोड़ रुपए भी खर्च कर दिए थे. लेकिन अब हालात यह है कि घटिया कार्य के चलते यह केबल पहले साल में ही साथ छोड़ने लगी है. कई जगह इनमें फॉल्ट आने लगे हैं. दूसरी ओर झालावाड़ विद्युत विभाग के पास इन फॉल्ट को ढूंढने के लिए फॉल्ट लोकेटर मशीन नहीं है, जिसके चलते यहां के इंजीनियर केबल में फॉल्ट नहीं ढूंढ पाए और जहां भी फॉल्ट थे, वहां वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर पोल खड़े कर दिए गए और ओवरहेड लाइन खींच दी गई. आज हालात यह है कि जहां तारों के जंजाल से मुक्त करने की बात कही गई थी, वहां अब 12 से ज्यादा जगहों पर हाईटेंशन लाइन क्रॉस कर रही है, जबकि पहले वहां केबल बिछाई गई थी जो अभी भी दिखाई देती है लेकिन बाद में ओवरहेड लाइन बिछा दी गई.

बिजली के पोल
Photo Credit: NDTV Reporter

विद्युत विभाग ने ही दिया था सुझाव

बिजली विभाग के अधिकारियों की ओवरहेड लाइन बिछाने की सलाह पर ही शहर में आठ किलोमीटर लंबे सिटी फोरलेन में भूमिगत बिजली की लाइनें बिछाई गई. हालात यह हुए कि सिटी फोरलेन पर रिलायंस पेट्रोल पंप से आगे फॉल्ट होने पर डिस्कॉम ने वहां बिजली के पोल खड़े कर दिए. अब बिजली विभाग रिलायंस पेट्रोल पंप से करीब पांच सौ मीटर तक बिजली के पोल खड़े कर शहर को बिजली सप्लाई कर रहा है. इसी तरह शहर के राजपूत छात्रावास का भी यही हाल है. यहां फॉल्ट होने पर 500 मीटर से अधिक के दायरे में ओवरहेड लाइन बिछा दी गई. वहीं जल संसाधन विभाग के बाहर फॉल्ट होने पर सिटी फोरलेन पर पोल खड़े कर दिए गए. हाउसिंग बोर्ड से कोटा रोड स्थित रूपनगर कॉलोनी तक बिजली के पोल खड़े कर दिए गए हैं. सिटी फोरलेन के सौंदर्यीकरण के लिए उस समय जयपुर डिस्कॉम का मानना ​​था कि पोल लगाने से इस शहर की सुंदरता खराब होगी, वहीं बार-बार तार टूटने की समस्या भी कम होगी. इसीलिए सिटी फोरलेन के डिजाइन में बदलाव कर यहां 10 करोड़ रुपए खर्च कर भूमिगत बिजली लाइन बिछाई गई.

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वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर पोल किए खड़े
Photo Credit: NDTV Reporter

समस्या आज भी बरकरार

शहर के फोरलेन की भूमिगत केबलों को दुरुस्त करने की बजाय वहां बिछाई गई ओवरहेड लाइनों में आज भी हल्की हवा चलते ही फाल्ट आ जाते हैं और शहरवासी बिजली की समस्या से परेशान रहते हैं. झालावाड़ शहर के फोरलेन को खूबसूरत बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया था कि इसके ऊपर से एक भी बिजली का तार नहीं गुजरेगा. जहां-जहां बिजली के तारों की रोड क्रॉसिंग होगी, वहां भूमिगत केबल बिछाई जाएगी और इस रोड की सर्विस लेन को भी खंभों और तारों से मुक्त रखा जाएगा. ताकि यहां से गुजरने वाले लोगों को अच्छा महसूस हो और इस रोड की खूबसूरती देखकर लोगों की झालावाड़ के बारे में राय और अच्छी बने. ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि 10 करोड़ रुपए खर्च करने से झालावाड़ को क्या फायदा हुआ? और अगर ओवरहेड लाइन बिछाने की बजाय भूमिगत केबलों को दुरुस्त कर दिया जाता तो कम से कम शहर को बार-बार बिजली गुल होने की समस्या से निजात मिल जाती.

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