Rajasthan News: झालावाड़ के प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (Jhalawar International Airport) पर 3 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी बनकर लगभग तैयार हो चुकी है. फिनिशिंग का बस थोड़ा सा काम बाकी बचा है, जिसके बाद यहां सबसे बड़े विमान भी उतार पाएंगे. जानकारों की माने तो यहां अब 180 सीट क्षमता वाले जंबो विमान भी लैंड कर सकेंगे जो फिलहाल देश के कुछ चुनिंदा हवाई अड्डों पर ही लैंडिंग कर पाते हैं.
वसुंधरा राजे ने रखी थी नींव
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया (Vasundhara Raje) ने अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान यहां इस हवाई अड्डे की नींव रखी थी, जहां अंतरराष्ट्रीय स्तर का हवाई अड्डा और एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस हब बनाया जाना प्रस्तावित था. एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस हब पर सभी प्रकार के विमान पहुंचने की सुविधा होनी चाहिए, इसी के मद्देनजर यहां इतनी बड़ी हवाई पट्टी का निर्माण किया गया ताकि प्रत्येक विमान यहां पर उतर सकें.
कांग्रेस शासन में धीमी हुई रफ्तार
किंतु जैसे ही सरकार बदली और भारतीय जनता पार्टी के बाद कांग्रेस का शासन आया तभी से यहां बजट में कमी आ गई और काम बहुत धीमी रफ्तार पर जा पहुंचा. कांग्रेस के स्थानीय नेता भी इस मुद्दे पर लगातार बात करते रहे और काम को शीघ्र पूरा करवाने की बात कही गई, लेकिन काम की रफ्तार धीमी ही रही. लेकिन अब हवाई पट्टी का काम पूरा हो चुका है. ऐसे में अन्य कार्य भी शीघ्र पूरा किए जाने की उम्मीद बंधी है.
मध्य प्रदेश के लोगों को भी लाभ
इस हवाई पट्टी का लाभ हाडोती के कोटा, बूंदी, और झालावाड़ को प्रत्यक्ष रूप से मिलने वाला है. और यदि यहां पर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण भी पूरा होता है तो राजस्थान के साथ-साथ मध्य प्रदेश के लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा. झालावाड़ में ही मुकंदरा टाइगर रिजर्व क्षेत्र है. ऐसे में आने वाले समय में यहां विमान सेवा शुरू होने से पर्यटकों की भी बेहतर आवाजाही हो सकती है. साथ ही यहां उद्योगों को भी इससे सीधा फायदा मिल सकेगा. आसपास के मध्य प्रदेश के शहरों सहित कोटा और बारां जिले को भी इसका सीधा फायदा मिल सकेगा.
किस कार्य पर कितनी राशि खर्च?
झालावाड़ के कोलाना में 3 हजार मीटर लंबी हवाई पट्टी एटीआर 72 और 180 सीटों की क्षमता वाले विमानों की भी लैंडिंग हो सकेगी. हालांकि पहले इसे अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में विकसित किया जाना था, लेकिन पिछले पांच साल से इसको लेकर बजट की कमी के चलते यहां अब हवाई पट्टी का ही विस्तार हो पा रहा है. प्रथम चरण में यहां 169 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं. वहीं मेगा हाइवे शिफ्टिंग पर करीब 1750 लाख रुपए खर्च हुए हैं. हवाई पट्टी की लंबाई 3 हजार मीटर करने पर 5825 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं. हवाई पट्टी के लिए 10 किमी बाउंडीवाल के निर्माण पर 531 लाख रुपए खर्च किए गए हैं.
पहले 1700 मीटर की थी पट्टी
झालावाड़ में कोलाना हवाई पट्टी के विस्तारीकरण का काम लगभग पूरा होने को है. यहां संभाग की सबसे बड़ी एयरस्ट्रिप बनकर तैयार है. कोटा में भी इतनी बड़ी हवाई पटटी नहीं है. ऐसे में यहां पर बड़े विमानों को उतरने में काफी आसानी होगी. जब यह हवाई पट्टी 1700 मीटर की थी तो यहां पर एयर एंबुलेंस भी कई बार उतरी थी. साथ ही उस समय भी खास मौकों पर बड़े विमानों को उतारा जाता था. हालांकि अब सभी प्रकार के बड़े विमान यहां उतारे जा सकंगे. अभी यहां नाली निर्माण सहित अन्य कार्य चल रहे हैं. एप्रन-वे व हैंगर के कार्य बजट के अभाव में पूरे नहीं हो पाए हैं.
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