राजस्थान के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी, जल्द शुरू होगा झालावाड़ का कोलाना एयरपोर्ट

Rajasthan News: राजस्थान के एयरपोर्ट श्रृंखला में  एक नया नाम झालावाड़ का कोलाना एयरपोर्ट का है. यह जल्द ही लोगों के लिए खुलने जा रहा है. 

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कोलाना एयरपोर्ट

Jhalawar Kolana Airport: राजस्थान को एक और नए एयरपोर्ट की सौगात मिलने वाली है. झालावाड़ के कोलाना एयरपोर्ट का निर्माण अब अंतिम चरणों में है, इस एयरपोर्ट के निर्माण को बारीकी से देखने और आने वाले समय में त्रुटियों को दूर करने के लिए विशेषज्ञों के एक दल द्वारा कोलाना हवाई पट्टी का सर्वेक्षण किया गया. इस दौरान उन्होंने 120 किलोमीटर से अधिक की रफ्तार पर रन-वे पर कार को दौड़ा कर देखा और गहनता से पूरे रनवे का निरीक्षण किया. साथ ही हवाई अड्डे को A श्रेणी से C श्रेणी तक ले जाने की रूपरेखा पर चर्चा हुई. आने वाले समय में यहां क्या-क्या सुविधा और विकसित करनी होगी, उनको लेकर भी बातचीत की गई.

विशेषज्ञों के दल ने बताया कि यहां बोइंग 747 जैसे बड़े विमान उतारे जा सकेंगे और रनवे पर अंतिम परत डाले जाने का काम चल रहा है, जिसके बाद यह रनवे पूरी तरह से विमान उतरने के लिए तैयार हो जाएगा.

45 मीटर चौड़ा और 3 किलोमीटर लंबा है रनवे

झालावाड़ की कोलाना हवाई पट्टी कि यदि बात की जाए तो उसकी लंबाई 3 किलोमीटर से कुछ अधिक है, वहीं चौड़ाई 45 मीटर है. विशेषज्ञों की राय के अनुसार इस हवाई पट्टी पर बोइंग 747 जैसे विमान उतारे जा सकेंगे. विशेषज्ञों के अनुसार इस हवाई पट्टी की लंबाई किसी भी बड़ी एयरबस को उतारने के लिए पर्याप्त है. लेकिन चौड़ाई 45 मीटर होने के कारण यहां बोइंग 747 तक ही उतार पाएंगे. उससे ज्यादा बड़े विमान उतारे जाने के लिए हवाई पट्टी की लंबाई 60 मीटर होना जरूरी है.

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लाइटिंग और रनवे संचालन

कोलाना हवाई पट्टी के दौरे पर आए विशेषज्ञों के दल ने हवाई पट्टी पर की जाने वाली लाइटिंग और रनवे की सेंटर लाइन, एलाइनमेंट और लेवल को लेकर बारीकी से निरीक्षण किया. दल के सदस्यों ने बताया कि यहां बड़ी उड़ाने शुरू होने से पहले रनवे की लाइटिंग व्यवस्था की जाएगी, जो किसी भी एयरपोर्ट के संचालन का काफी महत्वपूर्ण अंग है.

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विशेषज्ञों ने बताया कि दो प्रकार की लाइटिंग व्यवस्था की जाती है. एक में खराब मौसम में विमान नहीं उतर पाएंगे और दूसरी में खराब मौसम में भी विमान उतारे जा सकते हैं. लाइटिंग व्यवस्था किस प्रकार की होगी इस बारे में यहां पर प्रकाश की स्थिति के आंकड़े देखने के बाद स्पष्ट तौर पर कुछ कहा जा सकेगा.

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ऑब्सटेकल सर्वे (बाध सर्वेक्षण) का सुझाव

सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता हुकुमचंद मीणा ने बताया कि विशेषज्ञों के दल ने सभी चीजों का बारीकी से निरीक्षण किया. थोड़ी बहुत मिली कमियों को अंतिम चरण में दूर किया जाएगा. उन्होंने बताया कि विशेषज्ञों के दल ने बाधा सर्वेक्षण का सुझाव दिया है. अंतिम चरण के काम को पूरा करने से पहले बाधा सर्वेक्षण करवाया जाएगा.

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