Rajasthan News: राजस्थान के झालावाड़ जिले में स्कूल हादसे के बाद मचे हड़कंप के बीच एक वीडियो ने सरकार की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. आदिवासी क्षेत्र के सांसद राजकुमार रोत ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें साफ दिख रहा है कि मासूम बच्चों की लाशें जब अस्पताल पहुंच रहीं थीं, तब उसी वक्त हॉस्पिटल परिसर में सड़कें बनाई जा रही थीं और कुर्सियों से लेकर पंखे तक चमकाए जा रहे थे.
'विकास वाली रोलर मशीन'
एक वीडियो, दो दृश्य... यही कहते हुए सांसद ने ट्वीट में लिखा – 'यह वीडियो झालावाड़ जिला अस्पताल का है. एक तरफ मासूम बच्चों की लाशें लेकर एम्बुलेंस दौड़ रही है, वहीं दूसरी ओर डबल इंजन सरकार की विकास वाली रोलर मशीन हॉस्पिटल परिसर की सड़क को ठीक कर रही है. यह सब देख अस्पताल में पहले से भर्ती मरीज अचंभे में हैं कि यह अचानक क्या हो रहा है?'
दीवारें-फर्श-पंखे की सफाई
वीडियो में दिखता है कि झालावाड़ जिला अस्पताल में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के संभावित दौरे से पहले अस्पताल की दीवारों पर रंग-रोगन, फर्श की सफाई, बेडशीट की अदला-बदली और पंखों व कुर्सियों की मरम्मत जैसे काम तेजी से चल रहे हैं. इसी दौरान, मृत बच्चों के शव और घायल परिजन अस्पताल लाए जा रहे हैं, और उनके बीच यह साज-सज्जा का खेल लोगों को चुभने लगा है.
सांसद ने की मुआवजा देने की मांग
राजकुमार रोत ने कहा कि मृतक बच्चों के परिवार को 1-1 करोड़ रुपये मुआवजा, पीड़ित परिवारों को 10-10 बीघा जमीन, घायलों को 50-50 लाख रुपये और 5-5 बीघा जमीन का मुआवजा मिलना चाहिए. हालांकि राजस्थान के शिक्षा मंत्री ने शुक्रवार रात झालावाड़ पहुंचकर मृतकों के परिवार को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है.
'मौन धारण करने से काम नहीं चलेगा'
अपने एक दूसरे ट्वीट में राजकुमार रोत ने भजनलाल शर्मा को निशाने पर लेते हुए लिखा- 'मुख्यमंत्री जी, ये CMO में बैठकर मौन धारण ड्रामा करने से काम नहीं चलेगा. राज्य के मुखिया होने के नाते आपको स्वयं वहा जाना चाहिए, जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही करनी चाहिए. पीड़ित परिजनों को आर्थिक सहायता व सरकारी नौकरी की घोषणा करें. आपके इस ट्वीट में कहीं भी मृतक के परिजनों को सहायता देने का हवाला नहीं? ऐसा क्यों?'
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