20 years in prison for raping a minor: झुंझुनूं की पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने आरोपी पर 1 लाख 31 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया. जुर्माना अदा नहीं करने पर आरोपी को 3 साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. फैसला विशिष्ट न्यायाधीश इसरार खोखर ने सुनाया. लोक अभियोजक सुरेंद्र सिंह भाम्बू ने बताया कि 8 फरवरी 2023 को पीड़िता के पिता ने मेहाड़ा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी नाबालिग बेटी 6 फरवरी को घर से गायब हो गई थी. उन्हें संदेह था कि आरोपी उसे बहला-फुसलाकर ले गया है. पुलिस ने नाबालिग को दस्तयाब कर आरोपी को गिरफ्तार किया और चालान कोर्ट में पेश किया. जांच में सामने आया कि आरोपी पीड़िता के मामा का दोस्त था और मेहाड़ा के ईंट-भट्टे पर काम करता था.
पीड़िता के घर पर किराए पर रहता था आरोपी
आरोपी पीड़िता के घर में ही किराए पर रहता था. घर में सब्जी-खाने लेने के बहाने आना-जाना भी था. इसी दौरान वह परिवार की सब्जी में नींद की गोलियां मिला देता. माता-पिता और परिजन जब बेहोश हो जाते तो वह नाबालिग को छत पर बुलाकर दुष्कर्म करता. यह सिलसिला लगातार 15 दिन तक चला. दुष्कर्म के चलते नाबालिग गर्भवती हो गई थी. विधिक प्रक्रिया अपनाते हुए उसका गर्भपात भी कराया गया. कोर्ट में इस बात को भी साक्ष्य के तौर पर पेश किया गया.
कोर्ट में पेश हुए 17 गवाह और 53 डॉक्यूमेंट
राज्य सरकार की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक सुरेंद्र सिंह भाम्बू और परिवादी पक्ष से बलवंत सैनी ने पैरवी की. उन्होंने कोर्ट में 17 गवाहों के बयान और 53 दस्तावेज पेश किए. सभी साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने शंकर को पॉक्सो एक्ट समेत अन्य धाराओं में दोषी मानते हुए 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. कोर्ट ने आदेश दिया कि सभी सजाएं साथ-साथ भुगतनी होंगी.
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