अस्पताल जेके लोन जयपुर ने जारी की एडवाइजरी, डेक्सट्रोमेथॉर्फ़न युक्त कफ सिरप न देने की सख्त हिदायत

अस्पताल ने कहा कि डेक्सट्रोमेथॉर्फ़न कफ सिरप जो खांसी को रोकता है, लेकिन छोटे बच्चों को दवा देने से सांस लेने की तकलीफ़ हो सकती है. इसके उपयोग से गंभीर दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं.

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Cough Syrup: राजस्थान के सबसे बड़े सरकारी बच्चों के अस्पताल जेके लोन, जयपुर ने बच्चों की खांसी और जुकाम की दवाओं को लेकर एक अहम एडवाइजरी जारी की है. इस एडवाइजरी में बच्चों को खासकर डेक्सट्रोमेथॉर्फ़न युक्त कफ सिरप न देने की सख्त हिदायत दी गई है. इस संबंध में चिकित्सकों और अभिभावकों को इसे लेकर विशेष सावधानी बरतने को कहा गया है. 

डेक्सट्रोमेथॉर्फ़न कफ सिरप जो खांसी को रोकता है, लेकिन छोटे बच्चों को दवा देने से सांस लेने की तकलीफ़ हो सकती है. इसके उपयोग से गंभीर दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं. खासकर 6 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए इसे खतरनाक माना गया है. कई मामलों में इसकी वजह से बच्चों की हालत बिगड़ी है, और कई मौतें भी हुई हैं. इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के इस दवा को बच्चों को देना बिल्कुल ठीक नहीं माना गया है.

पैरासिटामोल सिरप देना अधिक सुरक्षित

इसको लेकर चिकित्सकों को सलाह दी गई है कि बच्चों को पैरासिटामोल सिरप देना अधिक सुरक्षित माना गया है. बच्चों को वजन के अनुसार ही दवा की खुराक देनी चाहिए, जैसे कि 2 माह से 6 साल तक के बच्चों को 125mg/5ml और 6 साल से ऊपर के बच्चों को 250mg/5ml की मात्रा दी जाए. 

बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी कफ सिरप या खांसी की दवा न दें

फार्मासिस्टों को भी निर्देश दिए गए हैं कि बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी कफ सिरप या खांसी की दवा न दें. साथ ही माता-पिता को दवा के सही इस्तेमाल, खुराक और संभावित दुष्प्रभावों के बारे में पूरी जानकारी देना आवश्यक है. हालांकि खांसी और जुकाम बच्चों में सामान्य समस्या है, लेकिन दवाओं के गलत प्रयोग से उनकी जान जोखिम में पड़ सकती है. इसलिए यह जरूरी है कि चिकित्सकों की सलाह पर ही दवाएं दी जाएँ और बाजार से दवाएं बिना चिकित्सक की सलाह के खरीदने से बचें. 

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