जोधपुर: करंट लगने से मासूम की मौत, कई घंटे बाद भी पोस्टमॉर्टम के लिए नहीं पहुंची पुलिस

मोरपाल कुछ दिन पहले ही जोधपुर आया था. उसके माता-पिता नहीं होने की वजह से वह अपने दो छोटी बहनों और दो छोटे भाइयों का मेहनत करके पेट पाल रहा था.आज सुबह जोधपुर के बोरानाडा थाना क्षेत्र की एक फैक्ट्री में काम करते वक्त उसकी मौत हो गई.

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अस्पताल में मासूम का शव.
JODHPUR:

शुक्रवार को जोधपुर के बोरानाडा क्षेत्र में एक फैक्ट्री में कार्य करने वाले 14 वर्षीय मोरपाल की आज फैक्ट्री में लगे वाटर कूलर के पास संभावित करंट लगने से मौत हो गई. जिसके बाद साथ में काम करने वाले मजदूर और ठेकेदार मासूम मोरपाल के शव को लेकर जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल पहुंचे. अस्पताल में पहले मेडिसिन विभाग में बच्चे को मृत घोषित कर दिया, लेकिन बाद में पेपर बनाते वक्त जब उन्हें उम्र का पता चला तो फिर मासूम के शव पीडियाट्रिक वार्ड में भेज दिया और करीब 4 घंटे तक मासूम के शव को इधर-उधर घुमाते रहे.

मीडिया के दखल के बाद मोर्चरी में रखवाया गया शव 

मीडिया के मौके पर पहुंचे उस वक़्त मासूम का शव पीडियाट्रिक वार्ड में था. मीडिया ने अस्पताल सुपरिंटेंडेंट से बात की तब जाकर मासूम के शव को मोर्चरी में पहुंचाया गया. मामले की सूचना मिलने पर राजस्थान राज्य बाल  सरंक्षण आयोग के सदस्य धनपत गुर्जर को लगी तो वह भी मौके पर पहुंचे.उन्होंने बोरानाडा थाना अधिकारी से बातचीत कर पुलिस को पोस्टमार्टम  के लिए बुलाया लेकिन सुबह 11 बजे हुई घटना के बाद शाम 5 बजे तक पुलिस अस्पताल नहीं पहुंची.

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वॉटर कूलर के पास पड़ा मिला मासूम का शव 

दरअसल कोटा जिले के धुलेट गांव का रहने वाला मोरपाल कुछ दिन पहले ही जोधपुर आया था. मोरपाल के माता-पिता नहीं होने की वजह से वह अपने दो छोटी बहनों और दो छोटे भाइयों का मेहनत करके पेट पाल रहा था.आज सुबह जोधपुर के बोरानाडा थाना क्षेत्र की एक फैक्ट्री में काम करते वक्त उसकी मौत हो गई.बताया जा रहा है कि वाटर कूलर के पास मोरपाल गिरा हुआ था, माना जा रहा है कि, वाटर कूलर में करंट आने की वजह से उसकी मौत हुई है.

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ढ़ाई घंटे स्ट्रेचर पर पड़ा रहा शव 

हालांकि मौत के कारण का तो पोस्टमार्टम के बाद पता चलेगा.लेकिन सुबह 11:00 बजे के करीब घटना हुई और शाम को 5:00 बजे तक बोरानाडा थाना पुलिस अस्पताल नहीं पहुंच पाई, जिसके कारण उसका पोस्टमार्टम होने में देरी हुई. वहीं  अस्पताल में मोरपाल को लाने के बाद मेडिसिन विभाग में मृतक मोरपाल के कागज बन गए थे, लेकिन जब उम्र काग़ज़ों में दर्ज करने लगे तब उन्हें पता चला कि इसकी उम्र 14 साल है. ऐसे में उसे पीडियाट्रिक वार्ड में भेजा गया, वहां भी करीब 2 घंटे तक उसका शव स्ट्रेचर पर पड़ा रहा.

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लापरवाही करने वालों पर होगी कार्रवाई - गुर्जर 

अस्पताल सुपरिंटेंडेंट ने इस मामले में पहल करते हुए तुरंत बच्चे के शव को मोर्चरी में पहुंचाया. वहीं नाबालिग़ की मौत के मामले की खबर सुनकर राज्य बाल संरक्षण अधिकार आयोग के सदस्य धनपत गुर्जर मौके पर पहुंचे और अपनी टीम को मौके पर बुलवाया. उन्होंने अस्पताल प्रशासन और बोरानाडा थाना अधिकारी से बातचीत की और आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए. धनपत गुर्जर ने बताया कि, उनका आयोग बच्चों के हितों को लेकर जो भी हर संभव मदद होगी वह करने का प्रयास करेंगे साथ ही इस मामले में जो भी लापरवाही करने वाले हैं उनको नोटिस देकर सवाल पूछा जाएगा और उनकी जिम्मेदारी तय की जाएगी.