Fire in Jodhpur Hospital: जोधपुर के मथुरादास हॉस्पिटल में रविवार देर रात बड़ा हादसा हो गया. एक्यूट केयर वार्ड में आग लगने से मरीज का एक हाथ और गले के पास का हिस्सा झुलस गया. आग लगने के बाद मरीज (Patient) की सहायता के लिए कोई नहीं आया, जिसके चलते परिजन ही बचाव में लगे रहे. इस घटना के बाद मरीज के परिजनों ने हॉस्पिटल प्रशासन पर आरोप लगाए. संभाग के सबसे बड़े हॉस्पिटल (Hospital) में इस तरह के घटनाक्रम के बाद यहां की व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं.
खुद बचाव में लगे रहे परिजन, मौके पर नहीं था स्टॉफ
हैरानी की बात यह है कि जब एक्यूट केयर वार्ड में आग लगी तो काफी देर तक वहां कोई स्वास्थ्यकर्मी नहीं पहुंचा. इसके चलते वार्ड में भर्ती 30 वर्षीय महिला गंभीर रूप से झुलस गई. परिजनों का कहना है कि हादसे के दौरान कोई नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टर वार्ड में नहीं था, वो खुद ही बचाव में लगे रहे. काफी देर के बाद वार्ड में स्टाफ आए तो हालात संभले, लेकिन तब तक मरीज का के शरीर का काफी हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था.
3 दिन पहले मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष ने किया दौरा, लगाई थी फटकार
जानकारी के मुताबिक सोमवार सुबह तक इस घटना की जानकारी अस्पताल अधीक्षक डॉ. नवीन किशोरिया को नहीं थी. अक्षीक्षक का कहना है कि मरीज के परिजन के बीड़ी पीने से हादसा हुआ है. जबकि कहा यह भी जा रहा है कि अस्पताल में किसी उपकरण में शॉर्ट सर्किट होने से यह घटना हुई. अस्पताल प्रशासन ने मरीज के परिजनों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दी है. जबकि तीन दिन पहले ही राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष ने अस्पताल का दौरा किया था. इस दौरान भी कई तरह की अव्यवस्थाएं सामने आई थी. जिसको लेकर उन्होंने नाराजगी जताते हुए अधीक्षक डॉ. नवीन किशोरिया से हालत सुधारने के लिए कहा था.
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