Hiteshi Borana of Jodhpur: एम्स राजकोट में कार्यरत जोधपुर की हितेशी बोराना (Hiteshi Borana) की हादसे में जान चली गई. जान गंवाने के बाद दो मरीजों की जान बचा गई. युवती के लीवर और किडनी से दो मरीजों को जीवन दान मिल गया. इसके लिए परिजनों ने भी सहमति दी. दरअसल, युवती को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था. इसके बाद एम्स ने परिजनों से बात कर अंगदान के लिए सहमति ली. युवती के अंगों को एम्स जोधपुर में भर्ती एक पुरुष और महिला मरीज को ट्रांसप्लांट किया गया. जबकि उसकी किडनी जयपुर स्थित एसएमएस अस्पताल में एक मरीज के काम आई.
12 दिसंबर को हादसे में आई थी गंभीर चोटें
हितेशी जोधपुर के रूपनगर द्वितीय, पाल रोड़ की रहने वाली थी. करीब 31 वर्षीय हितेशी बोराना एम्स राजकोट में नर्सिंग अधिकारी के पद पर कार्यरत थी. हितेशी को 12 दिसंबर को राजकोट में गंभीर चोटें आने पर वहां भर्ती किया गया. उसे बचाने के लिए डॉक्टरों की टीम ने हरसंभव प्रयास लिया, लेकिन बावजूद इसके स्वास्थ्य में सुधार नहीं दिखा. लगातार स्वास्थ्य बिगड़ने के चलते उसे एम्स जोधपुर भेजा गया. यहां शनिवार को एपनिया और ब्रेन स्टेम रिफ्लेक्स जांच के बाद ब्रेन डेड घोषित किया गया.
माता-पिता ने दी बेटी के अंगदान के लिए दी सहमति
हितेशी के पिता लक्ष्मी नारायण बोराना रिटायर्ड प्रिंसिपल हैं. मृतका की मां वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुई थी. उनकी मां चंद्रकला और पिता से डॉक्टर ने बात की. दोनों ने बेटी की चिकित्सा स्थिति और अंगदान प्रक्रिया को समझने के बाद उसके अंगों को दान करने की सहमति दी, जिससे दूसरों को जीवन और दृष्टि का उपहार मिला.