Rajasthan News: रेस्टोरेंट में पानी की बोतल जबरन देने पर लगा 25000 का जुर्माना, जानें क्या है पूरा मामला

रेस्टोरेंट पहुंचने पर अगर आपको भी पानी पीने के लिए पैसे देने पड़ते हैं तो ये खबर आप ही के लिए है. कंज्यूमर कोर्ट ने ऐसे ही एक रेस्टोरेंट पर 25 हजार का जुर्माना लगाया है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

Rajasthan News: बदलते वक्त के साथ अब लोगों में भी जागरूकता आने लगी है और लोग अपने अधिकारों का इस्तेमाल करने लगे हैं. इससे उन लोगों को संदेश भी मिलता है जो मनमानी करते हैं. ऐसा ही मामला जोधपुर के एक रेस्टोरेंट से सामने आया है. जहां स्वच्छ पानी नहीं देकर, जबरदस्ती मिनरल वाटर खरीदने के लिए ग्राहक को मजबूर किया गया. इसके बाद जागरूक युवाओं ने उपभोक्ता विभाग में शिकायत दर्ज करवा दी. अब उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने अपने निर्णय में रेस्टोरेंट मालिक पर 25000 का जुर्माना लगाया है.

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग जोधपुर के अध्यक्ष डॉ श्याम सुन्दर लाटा और सदस्य अफसाना खान ने परिवाद मंजूर करते हुए यह व्यवस्था दी है कि होटल, रेस्टोरेंट, सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्स प्रबंधन का यह नैतिक और विधिक दायित्व है कि अपने यहां आने वाले ग्राहकों को निःशुल्क स्वच्छ और सामान्य जल उपलब्ध कराएं. अविनाश, कोमल, अक्षता, सुनील, नेहा और सानिध्य भंडारी ने अधिवक्ता अनिल भंडारी के माध्यम से परिवाद पेश कर कहा कि 3 अक्टूबर 2019 को वे फॉरेस्टा कैफे रेस्टोरेंट में खाना खाने गए और उन्हें सामान्य जल उपलब्ध कराने से मना कर अधिक दर में मिनरल वॉटर खरीद वास्ते मजबूर किया. रेस्टोरेंट मालिक व शिकायत पुस्तिका में शिकायत दर्ज किए जाने के बावजूद उन्होंने सामान्य जल सर्व करने से बिलकुल मना कर दिया.

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इसके बाद जागरूक युवाओं ने अपने अधिवक्ता अनिल भंडारी के माध्यम से उपभोक्ता फॉर्म में एक शिकायत पेश की और युवाओं की तरफ से अधिवक्ता अनिल भंडारी ने बहस करते हुए कहा कि देश में होटल, रेस्टोरेंट, सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्स प्रबंधन की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वे अपने यहां आने वाले ग्राहकों को निःशुल्क स्वच्छ और सामान्य जल उपलब्ध कराएं और ऐसा नहीं कर प्रतिपक्ष ने न केवल परिवादी के साथ अनुचित व्यापार व्यवहार किया है बल्कि अपनी सेवा में कमी और त्रुटि की है. वहीं बावजूद सम्मन तामील विपक्षी अनुपस्थित रहा.

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जिला उपभोक्ता आयोग, द्वितीय जोधपुर ने परिवाद मंजूर करते हुए कहा कि रेस्त्रां प्रबंधन ने परिवादिगण को सामान्य और स्वच्छ जल उपलब्ध नहीं करा कर मिनरल वॉटर खरीद वास्ते मजबूर कर उनके साथ न केवल अनुचित व्यापार व्यवहार किया है. बल्कि अपनी सेवा में कमी और त्रुटि की है. उन्होंने फॉरेस्टा कैफे रेस्टोरेंट को निर्देश दिया कि परिवादी को दो माह में बीस हजार रुपए हरजाना और पांच हजार रुपये परिवाद व्यय अदा करें.

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