रिटायर्ड महिला डॉक्टर का ब्रेनवॉश कर अकाउंट से ठग लिये 87 लाख, लगाई यह शातिर तरकीब

जोधपुर शहर के रातानाडा की रहने वाली एक  रिटायर्ड महिला डॉक्टर को शातिरों ने अपने ठगी का शिकार बनाते हुए, महिला की जीवन भर की पूंजी साफ कर दी.

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Rajasthan News: राजस्थान में लगातार ठगी का मामला सामने आ रहा है. राजस्थान पुलिस लगातार साइबर क्राइम और ऑनलाइन तरीके से ठगी करने वाले शातिरों के खिलाफ 'ऑपरेशन एंटी वायरस' चला रही है. लेकिन शायद इसे अपराधियों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. शातिर बदमाश लोगों को लूटने के लिए अलग-अलग तरकीब अपना रहे हैं. नाय मामला जोधपुर से आया है. जहां शातिर बदमाशों ने एक रिटायर्ड महिला डॉक्टर को निशाना बनाया है. बताया जाता है कि व्हाट्सएप कॉल के जरिए महिला डॉक्टर का ब्रेनवॉश किया गया और 87 लाख रुपये की ठगी की गई.

जोधपुर शहर के रातानाडा की रहने वाली एक  रिटायर्ड महिला डॉक्टर को शातिरों ने अपने ठगी का शिकार बनाते हुए, महिला की जीवन भर की पूंजी साफ कर दी. घटना के बाद पीड़ित रिटायर्ड महिला डॉक्टर की तरफ से अब रातानाडा थाने में इस बाबत केस दर्ज करवाया गया है. पुलिस ने बड़े स्तर पर हुई इस ठगी पर अब जांच पड़ताल आरंभ की है.

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शातिर गैंग ने लगाई यह तरकीब

थानाधिकारी प्रदीप डांगा ने बताया कि 70 वर्षीय रिटायर्ड महिला डॉक्टर अरूणा सोलंकी की तरफ से मामला दर्ज करवाया गया है. जिसमें बताया गया है कि 31 जुलाई को उनके मोबाइल पर किसी शख्स प्रमोद कुमार का वाट्सएप कॉल आया था और खुद को मुंबई कस्टम विभाग का अधिकारी बताया. उसने कहा कि उनके द्वारा ग्लोबल इंटरनेशनल को एक पार्सल भेजा गया था. जिसमें ड्रग्स, फर्जी एटीएम कार्ड और अन्य सामान भेजा गया है. इस मामले में आपको गिरफ्तार किया जाएगा. इस पर सेवानिवृत अरूणा सोलंकी ने कहा कि उनके द्वारा कोई पार्सल नही भेजा गया है. तो शातिर प्रमोद कुमार ने अपने सीनियर ऑफिसर सुनील कुमार से बात कराई. इस पर सुनील कुमार ने उक्त जानकारी के साथ ही चार पत्र वाट्सएप पर भेजे, जिसमें सीबीआई अरेंस्टिंग, वारंट और केस के बारे में जानकारी थी. फिर शातिर ने उनसे बैंक एकाउंट एवं प्रोपर्टी के बारे में जानकारी मांगते हुए आधार कार्ड नंबर आदि लिए. बाद में उन्हें किसी अनिल यादव से बात कराई.

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अलग-अलग तरीके से 51, 8, 21,5 और 2 लाख रुपये लिये

अनिल यादव नाम के शख्स ने कहा कि उन्हें सब बातों से बचना है तो वे 51 लाख रुपए आर्मी डिमाउंड के नाम पर ट्रांसफर करें. बाद में उसने ब्यूइल एसीकेस में 8 लाख मांगे. वरना 28 अगस्त को अरेस्ट की धमकीं दी गई. बदमाशों ने 3 एफडी में लीगल एक्शन के लिए 21 लाख की डिमांड रखी. सेवानिवृत डॉक्टर अरूणा सोलंकी घबरा गई और उन्होंने अपनी एफडी तुड़वाकर उनके खातों में 21 लाख रुपए जमा करवाए. 3 सितंबर को बदमाशों ने उन्हें नो क्राइम बॉण्ड प्राप्त करने के लिए जिसके एवज में 5 लाख रुपए मांगे गए. तब डॉक्टर अरूणा ने यह सब करने से मना कर दिया. इस पर उन्होंने धमकाया कि वे देश विदेश में कहीं भी यात्रा नहीं कर पाएंगी. इसलिए बॉण्ड भरना पड़ेगा, तब उन्होंने फिर 2 लाख रुपए उनके खातों में भेज दिए. कुल मिलाकर सेवानिवृत महिला डॉक्टर अरूणा सोलंकी से 87 लाख रुपए ऐंठ लिए गए. 

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बाद में जब अरुणा सोलंकी को लगा कि उसे ठगा जा रहा है तो गुरुवार (19 सितंबर) को वे रातानाडा थाने पहुंची और केस दर्ज करवाया. थानाधिकारी प्रदीप डांगा ने बताया कि रिटायर्ड महिला डॉक्टर पहले मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल भी रह चुकी है. इतनी बड़ी ठगी के मामले  की जांच पड़ताल आरंभ की गई है. रुपयों को रिफंड करवाने के लिए कवायद शुरू की गई है.

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