Kanhaiya Lal Murder Case: मुंह छिपाकर जेल से बाहर निकला जावेद, बैग भरकर खरीदे बिस्किट-नमकीन और अंडरगारमेंट्स

Kanhaiya Lal murder accused Mohammed Javed Released From Jail: उदयपुर के टेलर कन्हैयालाल हत्याकांड में आरोपी मोहम्मद जावेद को शनिवार सुबह 8 बजे अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल से रिहा कर दिया गया.

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कन्हैयालाल हत्याकांड में आरोपी जावेद अजमेर जेल से रिहा हुआ.

Rajasthan News: राजस्थान हाई कोर्ट की खंडपीठ से जमानत मिलने के बाद शनिवार सुबह कन्हैयालाल हत्याकांड मामले में गिरफ्तार आरोपी जावेद को अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल से रिहा कर दिया गया. काले रंग का कुर्ता-पायजामा और सफेद रंग की चप्पल पहनकर जावेद एक बड़ा थैला लिए जेल से मुंह छिपाते हुए बाहर निकला और तुरंत ही गाड़ी में बैठकर रवाना हो गया.

रेकी करने के साथ षडयंत्र रचने का आरोपी

जावेद पर हत्या से पहले घटनास्थल की रेकी करने और साजिश रचने का आरोप है. पिछले साल भी उसने NIA की स्पेशल अदालत में जमानत के लिए अर्जी लगाई थी. मगर, उस वक्त कोर्ट ने जमानत देने से मना कर दिया था. लेकिन हत्याकांड के 2 साल बाद जावेद को राजस्थान हाई कोर्ट ने कुछ शर्तों पर जमानत दे दी. हाई कोर्ट का आदेश है कि जावेद देश छोड़कर बाहर नहीं जा सकता. उसे NIA की जांच में लगातार सहयोग करना होगा.

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जावेद से पहले 2 अन्य आरोपियों को जमानत

करीब दो साल पहले राजस्थान के उदयपुर में हुए कन्हैयालाल हत्याकांड मामले में जावेद से पहले 1 सितंबर 2023 को आरोपी फरहाद मोहम्मद शेख उर्फ बाबला को भी जमानत मिल चुकी है. जबकी फरहाद को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की कोर्ट से जमानत पर है. अजमेर के घुघरा स्थित हाई सिक्योरिटी जेल के जेल अधीक्षक पारस जांगिड़ ने बताया कि हाई सिक्योरिटी जेल में रहने के दौरान मोहम्मद जावेद काफी शांत तरीके से रहता था और जेल प्रहरियों का कहना भी मानता था. जेल में रहने के दौरान जावेद ने कभी किसी से कोई विवाद नहीं किया.

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जमा 3500 रुपये के खरीदे  बिस्किट, नमकीन और गारमेंट्स

जेल प्रशासन को कोर्ट आदेश 6 सितंबर की रात 9:00 बजे के बाद मिला. उससे पहले हाई सिक्योरिटी जेल बंद हो चुकी थी. इसीलिए आज सुबह मोहम्मद जावेद को जेल प्रशासन द्वारा चाय-नाश्ता कराया गया. जेल के अंदर रहने के दौरान खाद्य सामग्री के लिए जावेद के परिजनों ने ₹3500 रुपये जमा कराए थे, जिसका पूरा हिसाब आज जावेद को दिया गया. जावेद ने 3500 रुपये के नमकीन बिस्किट और अंडरगारमेंट खरीदे. जेल प्रशासन नियमों के तहत, किसी भी कैदी को रिहा होने पर उसकी जमा की गई राशि नगद नहीं दी जाती. कैदी को उन पैसों का जेल की कैंटीन से कुछ सामान खरीदना होता है.

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