Kanhaiya Lal Tailor's Murder: 'हाई कोर्ट ने अपना दिमाग लगाया होगा' आरोपी जावेद की ज़मानत के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी 

Udaipur News: मोहम्मद जावेद 2022 में उदयपुर के दर्जी कन्हैया लाल की हत्या के आरोपियों में से एक है. राजस्थान हाई कोर्ट ने सितंबर 2024 में आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिलने की वजह से उसे जमानत दे दी थी. इस ज़मानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई थी.

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Kanhaiya Lal Tailor's Murder Case : “वह 19 साल का लड़का है...हाई कोर्ट ने जमानत देते समय अपना दिमाग लगाया होगा” यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट ने साल 2022 में उदयपुर में हुए चर्चित कन्हैया लाल हत्याकांड में आरोपी मोहम्मद जावेद को हाई कोर्ट से मिली जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान की है. मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी. National Investigation Agency (एनआईए) ने आज सुप्रीम कोर्ट को बताया कि यह एक जघन्य हत्या का मामला है और आरोपी के खिलाफ आरोप तय किए जा चुके हैं.

एनआईए की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) एसवी राजू ने आरोपी मोहम्मद जावेद की जमानत का विरोध करते हुए कि पीड़ित का सिर काट दिया गया था, यह एक गंभीर अपराध है. 

एसवी राजू ने आगे बताया कि इस मामले में 155 गवाहों की सूची तैयार की गई है, जिनमें से अब तक केवल 5 गवाहों की गवाही हुई है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने टिप्पणी की कि “हाई कोर्ट ने जमानत देते समय अपना दिमाग लगाया होगा और वह 19 साल का लड़का है.” इसके बाद, जावेद के वकील ने जवाब देने के लिए और समय मांगा, जिस पर सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सुनवाई को चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया.

क्या है पूरा मामला ? 

मोहम्मद जावेद 2022 में उदयपुर के दर्जी कन्हैया लाल की हत्या करने वाले आरोपियों में से एक है. राजस्थान हाई कोर्ट ने सितंबर 2024 में आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिलने की वजह से उसे जमानत दे दी थी. जमानत की शर्तों के मुताबिक जावेद को 2 लाख रुपये का जमानत बॉन्ड और 1 लाख रुपये के दो मुचलके भरने पड़े थे. उसे अदालत की इजाज़त के बिना भारत से बाहर यात्रा करने की अनुमति नहीं थी साथ ही एनआईए की जारी जांच में सहयोग करना अनिवार्य था.

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अदालत ने जमानत देते समय माना था कि जावेद के खिलाफ सबूत अपर्याप्त थे. कोर्ट ने पाया था कि एनआईए जावेद की मोबाइल कॉल डिटेल से उसका स्थान साबित करने में असफल रही, इसके अलावा एनआईए यह साबित करने के लिए सीसीटीवी फुटेज भी पेश नहीं कर पाई कि जावेद मृतक की दुकान पर गया था.

कन्हैया लाल के बेटे ने ज़मानत के खिलाफ किया था सुप्रीम कोर्ट का रुख 

सुप्रीम कोर्ट ने साल 11 नवंबर  2024 को मोहम्मद जावेद को है कोर्ट से मिली जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया था. यह याचिका कन्हैया लाल के बेटे यश तेली द्वारा दायर की गई थी, जिस पर न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने नोटिस जारी किया था.

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याचिकाकर्ताओं का कहना है कि मामले के दो मुख्य आरोपियों के साथ जावेद भी साजिश में शामिल था. याचिकाकर्ता का तर्क है कि हाई कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ मौजूद महत्वपूर्ण साक्ष्यों की अनदेखी करते हुए जमानत दी है, जिससे न्याय प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है. 

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