Rajasthan News: राजस्थान के राजसमंद जिले में अरावली की वादियों में हुई तेज बारिश से अब नदी नाले तेज उफान पर चल रहे हैं. यहां लगातार हो रही बारिश से अब तालाबों और बांधो में भी पानी की आवक शुरू हो गई है. इस अच्छी बरसात के बाद इस क्षेत्र के कई झरनों में पानी बहना शुरू हो गया है और उन्हें देखने दूर-दूर से पर्यटक आने लगे हैं. इनमें यहां के मारवाड़-मेवाड़ के गोरम घाट का जोगमंडी झरना भी शामिल है जिसे राजस्थान का कश्मीर और दार्जिलिंग भी कहा जाता है.
जोगमंडी झरना देखने ट्रेन से आते हैं लोग
जोगमंडी वॉटर फॉल को देखने और इसके ठंडे पानी में नहाने के लिए हर साल हजारों की संख्या में दूर-दूर से पर्यटक पहुंचते हैं. शुक्रवार दोपहर को जोगमंडी झरना तेज वेग से बहना शुरू हो गय. इसे देखते हुए वन विभाग की ओर से झरने के आस-पास कई गार्डों को तैनात किया गया है, जिससे किसी प्रकार का हादसा नहीं हो.
इस झरने को देखने के लिए पर्यटक मीटरगेज ट्रेन से पहुंचते हैं. यह ट्रेन अरावली की वादियों में सर्पीली पटरी पर ब्रिटिश कालीन पुलों से होते हुए हरियाली के बीच से गुजरती है.
भील बेरी झरने को देखने के लिए उमड़े पर्यटक
मगरा क्षेत्र में हुई तेज बारिश से मारवाड़ व मेवाड़ की सरहद पर स्थित पर्यटक स्थल भील बेरी पर भी झरना शुरू हो गया. अरावली क्षेत्र में अच्छी बारिश होने से भील बेरी पर भी झरना बहने लगा. यह राजस्थान का सबसे ऊंचा झरना है जिसमें 182 फीट की ऊंचाई से पानी गिरता है.
इसे राजसमंद जिले में वन विभाग की ओर से अरावली टॉडगढ़-रावली सेंचुरी में शामिल किया गया है,लेकिन भील बेरी का झरना पाली जिले के भगोड़ा ग्राम पंचायत के अंतर्गत आता है. हजारों की संख्या में भील बेरी घूमने के लिए पर्यटकों का तांता लगा रहता है.
भील बेरी झरने को राजस्थान का दूध सागर भी कहा जाता है. इस झरने में 182 फीट की ऊंचाई से पानी गिरने के बाद यह झरना बिलकुल दूध जैसा नजर आता है. घने पहाड़ों और हरियाली के बीच से गिरता ये झरना पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है.
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