Khatushyamji: एक भक्त नैनीताल से खाटूधाम आया और अरदास भी अपने लिए नहीं बल्कि हिंदू धर्म के लिए लगाई. उत्तराखंड के रूद्रपुर का रहने वाला वाला केशव 12 जंजीरों में बंधकर खाटूश्याम पहुंचा. बाबा श्याम से अरदास की है कि भारत में मांसाहार बंद हो. केशव ने बाबा श्याम के दर्शन करने के बाद मीडिया को बताया कि वह हल्द्वानी में कन्हैया मित्तल के भजन सुनने गया था.
वहां रास्ते में लोग मांस खा रहे थे, और लोहे के चाकू से मांस काटा जा रहा था. इसलिए वह लोहे की जंजीर बांधकर बाबा श्याम के दरबार में आया है. बाबा श्याम से प्रार्थना की है कि भारत वर्ष में जानवरों को काटना बंद हो, और मोदी सरकार से भी मांग है की मांसहार बंद कराएं.
अलग-अलग नामों से लगाते हैं अरदास
कहा जाता है कि बाबा के जितने नाम हैं, भक्त उन्हें हर नाम से अरदास भी अलग-अलग लगते हैं. कोई हारा थका आता है, तो हारे का सहारा कह कर बुलाता है. धन दौलत चाहने वाले लखदातार कहकर के बुलाते हैं. कोई झगड़ों और घरेलू परेशानियों से परेशान होकर आता है, तो तीन बाण धारी कहकर बुलाता है. ऐसे ही बाबा की असंख्य नाम हैं. देश-विदेश में करोड़ों भक्त हैं, जैसा भक्त, जैसी अरदास, वैसा ही बाबा का वरदान.
एक भक्त ने चांदी का मुकुट भेंट किया था
ऐसे ही एक भक्त ने मनोकामना पूरी होने पर कुछ दिन पहले एक किलो 250 ग्राम चांदी का मुकुट और कुंडल भेंट किया था. श्याम भक्त मध्य प्रदेश के हरदा जिले के कांकरिया गांव के रहने वाले रामशंकर बिश्नोई पत्नी किरण बिश्नोई के साथ बाबा के दर्शन करने आए थे. अपनी पारिवारिक स्थिति ठीक करने और खेती में चार गुणा मुनाफे की मनोकामना पूरी करने की अरदास लगाकर गए थे.
दोस्त के कहने पर आए थे खाटू श्याम
श्याम भक्त रामशंकर बिश्नोई ने बताया था कि डेढ़ साल पहले उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. एक दोस्त के कहने पर वह सीकर के खाटू श्यामजी मंदिर पहुंचे, और बाबा श्याम से घर की स्थिति सुधारने की प्रार्थना की. इसके बाद उनकी जिंदगी में बदलाव शुरू हो गया. धीरे-धीरे आर्थिक स्थिति बेहतर हुई, और 2024 में खेती में मुनाफा हुआ. रामशंकर की पत्नी किरण ने बताया कि उन्होंने बाबा से खेती में तरक्की की अरदास की थी और वादा किया था कि मुनाफा होने पर बाबा को प्रतिमा भेंट करेंगे.
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