Rajasthan News: दीपावली के अवसर पर राजस्थान के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल खाटूश्यामजी में बाबा श्याम के दर्शन के समय और प्रक्रिया में बदलाव किया गया है. भक्तों के लिए यह जानना जरूरी है कि आज, यानी 20 अक्टूबर को, आम भक्तों के लिए बाबा श्याम के दर्शन पूरे दिन उपलब्ध नहीं होंगे. मंदिर के पट रविवार रात 10 बजे के बाद से ही सामान्य दर्शनार्थियों के लिए बंद कर दिए गए थे.
दर्शन का विशेष समय और स्वरूप
श्री श्याम मंदिर कमेटी द्वारा जारी सूचना के अनुसार, आज (सोमवार) शाम 6:00 बजे से ही भक्त अपने आराध्य बाबा श्याम के दर्शन कर सकेंगे।. यह व्यवस्था दीपावली के विशेष आयोजनों और परंपराओं के कारण की गई है. दीपावली, जो कि अमावस्या तिथि को मनाई जाती है, के अवसर पर बाबा श्याम को शालिग्राम स्वरूप और विष्णु स्वरूप में दर्शन देने की परंपरा है. यह भक्तों के लिए एक अत्यंत विशेष और पुण्यकारी अवसर होता है.
शाही स्नान और तिलक श्रृंगार की परंपरा
आज के दिन बाबा श्याम की विशेष सेवा और परंपराओं का निर्वहन किया जाएगा. सुबह ठीक 8:00 बजे बाबा का 'शाही स्नान' होगा. इसके बाद, बाबा का विशेष 'तिलक श्रृंगार' किया जाएगा. इन धार्मिक अनुष्ठानों को पूरा करने के बाद ही, शाम 6:00 बजे मंदिर के पट पुनः भक्तों के लिए खोले जाएंगे. मंदिर कमेटी के पदाधिकारियों ने भक्तों से अपील की है कि वे मंदिर द्वारा जारी समय सारणी का पालन करें. कमेटी ने एक पत्र जारी कर अनुरोध किया है कि सभी भक्त दीपोत्सव त्योहार को देखते हुए शाम 6:00 बजे बाद ही बाबा के दर्शन के लिए आएं.
कमेटी की अपील: भीड़ न करें, सहयोग दें
आमतौर पर, दीपावली पर्व पर अन्य बड़े मंदिरों की तरह खाटूधाम में भक्तों की भीड़ थोड़ी कम रहती है, लेकिन फिर भी दूर-दराज से काफी संख्या में श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए खाटूधाम पहुंचते हैं. मंदिर कमेटी ने सभी श्रद्धालुओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि वे अनावश्यक भीड़ न करें और मंदिर की व्यवस्थाओं में पूर्ण सहयोग दें.
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
दीपावली के त्योहार और शाम को दर्शन शुरू होने के बाद संभावित भीड़ को देखते हुए, स्थानीय पुलिस प्रशासन ने मंदिर परिसर और खाटूधाम क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है. किसी भी अप्रिय घटना से बचने और सुचारु दर्शन सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है. बाबा श्याम के दर्शन के लिए आने वाले सभी भक्तों को सलाह दी जाती है कि वे मंदिर कमेटी द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें और शांतिपूर्ण तरीके से अपने आराध्य के दर्शन करें.