खाटूश्यामजी का गजब भक्त! 5 साल में 64वीं बार किए श्याम दर्शन, 25 दिन में पैदल चलकर तय की हजार मीलों की दूरी

राजस्थान के सीकर में विश्व प्रसिद्ध बाबा श्याम की महिमा दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, उनके भक्त बाबा के प्रति अपनी भक्ति दिखाकर हमेशा नई मिसाल पेश कर रहे हैं. इसी कड़ी में मुंबई चंद्र प्रकाश ढांढण की अनोखी यात्रा चर्चा का विषय बनी हुई ह.

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भक्त चंद्र प्रकाश ढांढण
NDTV

Sikar News: राजस्थान के सीकर में विश्व प्रसिद्ध बाबा श्याम की महिमा दिनों-दिन बढ़ती जा रही है, और इस आस्था की डोर ऐसी मजबूत है कि वह हजारों किलोमीटर दूर से भी भक्तों को अपनी ओर खींच लाती है. इसलिए भक्त भी हारे का सहारा बाने श्यामबाबा को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह की चीजे करती है. कुछ अनोखे चढ़ावे चढ़ाते है तो कुछ मीलों लंबी यात्राएं करते हैं. इसी को लेकर एक बार फिर बाबा के एक भक्त ने भक्ति की ताकत का उदाहरण देते हुए एक नहीं दो नहीं बल्कि हजारों किमी की पैदलयात्रा कर बाबा श्याम के दर्शन कर धौक लगाई. इस भक्त की पहचान चंद्र प्रकाश ढांढण है.

25 दिन में पैदल पहुंचकर करते हैं श्याम दर्शन

चंद्र प्रकाश ढांढण, वे मुंबई के निवासी हैं और 2019 से लगातार बाबा के दर्शन के लिए मुंबई से खाटूश्यामजी तक पैदल यात्रा कर रहे हैं. और आज (शनिवार) श्याम निशान चढ़ाने के लिए, वे मुंबई से रींगस तक पैदल मंदिर पहुंचे और बाबा श्याम के दर्शन किए. चंद्रप्रकाश 5 वर्षों से लगातार पैदल यात्रा कर रहे हैं. जिससे वे अब तक कुल 86,400 किलोमीटर की तीर्थयात्रा कर चुके हैं. बाबा श्याम की भक्ति के कारण उन्होंने विवाह नहीं किया है. वे भजन गाकर जो आय प्राप्त करते हैं, उससे अपना जीवन यापन करते हैं. और हर महीने की एकादशी से अपनी खाटूश्याम की यात्रा शुरू करते है जिसे वह 25 दिन में  पैदल चलकर पूरी करते हैं.

64वीं बार मुंबई से खाटू पहुंचे चंद्रप्रकाश

रामगढ़ शेखावाटी इलाके के ढांढण निवासी चंद्रप्रकाश बाबा श्याम की प्रेम डोर से इस कदर बंधे हैं कि वे लगातार 64वीं बार मुंबई से खाटूश्यामजी तक की एकल निशान पदयात्रा पूरी कर चुके हैं. 2020 में जगी पदयात्रा की यह अलख अब तक 86 हजार 400 किलोमीटर की दूरी तय कर चुकी है, जो अपने आप में एक अविश्वसनीय रिकॉर्ड है.

आदिवासियों में भी जगा चुके हैं श्याम प्रेम की अलख

श्यामभक्त चंद्रप्रकाश की भक्ति सिर्फ पदयात्रा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वे अपने इस रंग में रास्ते के आदिवासी इलाकों को भी रंग चुके हैं. लगातार पदयात्रा के दौरान चंद्रप्रकाश गुजरात के महिसागर जिले के मलिकपुर कस्बे के नानीराठ, मीरापुर और मोटाराठ गांव में आदिवासियों से मिलते हुए निकलते हैं. उनके निरंतर संपर्क में आने से अब वे आदिवासी भी बाबा श्याम की पूजा करने लगे हैं. चंद्रप्रकाश की संगत का आलम यह है कि कई आदिवासी परिवार अब बाबा श्याम के दर्शनों के लिए खाटू भी पहुंचने लगे हैं. पेशे से भजन गायक कलाकार चंद्रप्रकाश भी एक सच्चे भक्त की तरह सिर्फ बाबा के दर्शनों की लालसा से ही हर महीने यह यात्रा कर रहे हैं.

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