Rajasthan: किन्नरों की गुरु पशु-पक्षियों की बनीं सहारा, मां की तरह करती हैं देखभाल 

Rajasthan: किन्नरों की गुरु हिना बाई का पशु-पक्षियों से विशेष लगाव है. उन्होंने पशु पक्षियों के लिए एक अलग से घर भी बनाया है.  मां की तरह देखभाल करती हैं. पशु-पक्षी भी इन्हें देखकर पास में आ जाती हैं.  

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किन्नर की धर्म गुरु हिना बाई पशु-पक्षियों की देखभाल करती हैं.

Rajasthan: किन्नर हिना बाई करीब 10 साल से बेजुबानों की देखभाल करती हैं. पशु-पक्षियों और हिना बाई के बीच खास रिश्ता बन गया है. हिना बाई को देखते ही चिड़यां चहचहाने लगती हैं. वह इन पर खूब ममता लुटाती हैं. 10 दर्जन से अधिक प्रजाति के पशु-पक्षी हैं.  हिना बाई का प्रेम पशु पक्षी उनके जीवन का शौक बन गया. अब उनके साथ ऐसा होने लगा है जब तक उनके रख रखाव नहीं कर लेती तब तक उनका मन नहीं भरता. 

देशी और विदेशी नस्ल की हैं पशु-पक्षी 

किन्नरों के गुरु के घर के अन्दर कई तरह के पशु पक्षी जैसे गाय, मुर्गी, बकरा बकरी, कुत्ता, बतख सहित कई प्रकार की देशी, विदेशी नस्ल हैं. इन सभी पशु पक्षियों में सबसे खास विदेशी नस्ल के दर्जनों गिनी फॉल चूहे और कश्मीरी नस्ल की एक खूबसूरत बकरी है. एक पर्सनल फॉर्म हाउस बना रखा है, जिसमें सभी के तरह के पशु पक्षी हैं. उनका लालन पालन करती हैं.

किन्नर हिना बाई को पशु-पक्षियों की खुद देखभाल करती हैं.

किन्नर हिना बाई खुद करती हैं देखभाल 

हिना बाई खुद पशु-पक्षियों की देखभाल करती हैं. दाना पानी खिलाती हैं. अलग-अलग प्रकार का भोजन कराने की जिम्मेदारी भी वह खुद ही निभाती हैं. उन्होंने बताया कि भगवान ने उन्हें इतनी हिम्मत दी हैं कि वे खुद सभी पशु-पक्षियों का ख्याल रख सकती हैं. उन्हें जितना पैसा जजमान से मिलता है, उसका आधा हिस्सा पशु-पक्षियों पर खर्च करती हैं.  

हिना बाई पूरा समय पशु-पक्षियों के साथ बिताती हैं 

उन्होंने बताया, "मैं अपना पूरा दिन पशु-पक्षियों के साथ बिताती हूं. इससे मन को बहुत सुकून मिलता है. पशु-पक्षियों से मुझे बहुत प्रेम और लगाव है. क्या पता मैंने अपने पिछले जन्म में कुछ बुरे कर्म किए हों, तो अब पशु-पक्षियों का ख्याल रखकर ही शायद मेरे कर्म अच्छे हो जाएं. मैं इन्हें अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करती हूं." उनके जानकार शुभ अवसरों पर गिफ्ट में पशु-पक्षी देते हैं. 

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