Rajasthan Politics: "अब गाड़ी में बैठने से पहले कार्यकर्ता पैसा मांगते हैं", किरोड़ी मीणा के भाई का छलका दर्द 

Rajasthan Politics: कैबिनेट मंत्री क‍िरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा ने कहा क‍ि पुराने कार्यकर्ताओं को भूल गए हैं, आजकल नई-नई टोलियां बन गई हैं. 

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कैबिनेट मंत्री क‍िरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा का छलका दर्द.

Rajasthan Politics: दौसा शहर के रावत पैलेस में बुधवार को भाजपा ने आपातकाल को याद करके काला दिवस के रूप में मनाया. इस कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री क‍िरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा का दर्द छलका. जगमोहन मीणा ने कहा कि लोग पहले चने खाकर प्रचार किया करते थे. लेकिन, आजकल गाड़ी में बैठने से पहले कार्यकर्ता पैसा मांगते हैं. उन्होंने ने कहा कि वर्तमान में लोकतंत्र की हालात ठीक नहीं है. मजबूत कार्यकर्ता खड़े करो. ऐसे लोग खड़े किए जाएं, ज‍िसमे त्याग की भावना हो. लोकतंत्र के लिए सच्चा और ईमानदार हो. लेकिन आजकल ऐसा कार्यकर्ता चुनाव लड़ने के लिए मना कर देगा. 

पुराने कार्यकर्ताओं को भूल गए  

उन्होंने कहा, "अटल बिहारी वाजपेयी, आडवाणी और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के पद चिन्हों पर चलना चाहिए. लेकिन समय का परिवर्तन हो गया है. मुझे पहले के वक्ताओं ने कहा था क‍ि पुराने कार्यकर्ताओं को भूल गए. आजकल नई-नई टोलियां बन गई हैं. जो भी सार्वजनिक रूप से राजनीति में आए, वे नए कार्यकर्ताओं के साथ पुराने कार्यकर्ताओं का भी सम्मान करें." 

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"आपातकाल के समय को कभी भूल नहीं सकता"

जगमोहन मीणा ने कहा क‍ि 25 जून 1975 को आपातकाल कांग्रेस सरकार ने लगाया गया था. आपातकाल के 50 साल हो गए, लेक‍िन आज भी उसकी की स्मृतियां उनकी जहन में हैं. जिन्होंने उस समय आपातकाल को देखा था. वो कभी नहीं भूल सकता है. उस समय को आज भी याद करते हैं, तो सहम जाते हैं. आपातकाल काले अध्‍याय के रूप में इत‍िहास के काले पन्‍ने में दर्ज हो गया.   

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"बीकानेर मुझे विदेश दिखाई देता था"

जगमोहन मीणा ने बताया कि 25 जून 1975 को जब इमरजेंसी लगाई गई तो मैं वह बीकानेर के डूंगर कॉलेज में फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट था. गांव के परिवेश से गया था. पहली बार शहर में पढ़ने गया था. बीकानेर शहर मुझे विदेश दिखाई देता था. मेरे बड़े भाई किरोड़ी लाल मीणा मेडिकल कॉलेज में पढ़ते थे. साइकिल से चौराहे पर से गुजर रहा था, तो देखा की लोग चौराहे पर रेड‍ियो सुन रहे हैं. लोग डरे सहमे हुए थे. 

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देश के बड़े-बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया 

रातों रात देश के बड़े-बड़े नेताओं को जेल में डाल द‍िया गया था. उस समय भय का वातावरण था. पुलिस को देखकर लोग भागने लग गए थे. उस वातावरण में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने के निर्देश पर विपक्ष के सभी नेताओं को भी जेल में डाल दिया गया था.  

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