पार्टी के प्रति कर्मठता और मंत्री पद का त्याग, आखिर साबित क्या करना चाहते हैं किरोड़ी लाल मीणा

किरोड़ी लाल मीणा इन दिनों अपने क्षेत्र में काफी समय दे रहे हैं. इतना ही नहीं वह राजस्थान के आपदा प्रबंधन मंत्री के रूप में भी कार्य संभाल रहे हैं. बैठक कर रहे हैं और रिपोर्ट बना रहे हैं. लेकिन वह खुद को मंत्री कहने से इनकार करते हैं.

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Kirodi Lal Meena: किरोड़ी लाल मीणा बीजेपी के दिग्गज नेता जो राजस्थान में अपनी जमीनी पकड़ रखते हैं. लेकिन इन दिनों किरोड़ी लाल मीणा अलग की मामले के लिए सुर्खियों में हैं. किरोड़ी लाल मीणा तो लोकसभा चुनाव के बाद ही सुर्खियों में आए जब उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि उनका इस्तीफा तो मंजूर नहीं हुआ लेकिन उन्हें खुले तौर पर मनाया भी नहीं गया. वैसे मदन राठौड़ के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद उनका बयान आया था कि वह मंत्री पर बने हैं और वह अपना काम करेंगे. लेकिन दूसरी ओर किरोड़ी लाल मीणा इस बात से इनकार करते आ रहे हैं कि उन्होंने मंत्री पद को ग्रहण कर लिया है.

किरोड़ी लाल मीणा इन दिनों अपने क्षेत्र में काफी समय दे रहे हैं. इतना ही नहीं वह राजस्थान के आपदा प्रबंधन मंत्री के रूप में भी कार्य संभाल रहे हैं. बैठक कर रहे हैं और रिपोर्ट बना रहे हैं. लेकिन वह खुद को मंत्री कहने से इनकार करते हैं.

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कैबिनेट मंत्रियों के मीटिंग में शामिल हुए किरोड़ी लाल मीणा

हाल ही में भजनलाल सरकार के कैबिनेट मंत्रियों की बैठक हुई थी. इस बैठक में किरोड़ी लाल मीणा भी शामिल हुए थे. वैसे तो इस बैठक में कैबिनेट में शामिल मंत्री ही हिस्सा लेते हैं. लेकिन बैठक के बाद किरोड़ी लाल मीणा जब बाहर आए तो उनका बयान था कि वह बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के आदेश के बाद यहां आए थे और कैबिनेट की बैठक में वह एक विधायक के रूप में शामिल हुए थे. 

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किरोड़ी लाल मीणा का एक और बयान सामने आया जिसमें उन्होंने कहा कि

'मैं किसी तरह की कोई सरकारी फाइल नहीं निकाल रहा हूं, अगर कोई कहता है कि मैं सरकारी फाइलों पर साइन कर रहा हूं तो यह गलत है. लेकिन फिर उन्होंने कहा कि आपदा के वक्त कुछ जरूरी फाइल निकाल ली थी, वह मेरी नैतिक जिम्मेदारी थी इसलिए उसे निभाने के लिए निकाली है. लेकिन मैं मंत्री के रूप में कार्य नहीं कर रहा हूं.'

क्या बीच मजधार में फंस गए किरोड़ी लाल मीणा 

किरोड़ी लाल मीणा को विपक्ष की ओर से भी कहा गया है कि वह चाहें तो मंत्री पद ज्वाइन कर सकते हैं. विपक्ष उन्हें कुछ नहीं कहेगा. इस बात से किरोड़ी लाल मीणा के लिए वापसी की मुश्किल और बढ़ गई. हालांकि इसके बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ का उनको साथ मिला और उन्होंने उनके मंत्री पद संभालने का ऐलान किया गया. इसके बाद उन्होंने आपदा प्रबंधन के मंत्री के तौर पर काम शुरू किया. इसके तहत पूर्वी राजस्थान में वह आपदा से प्रभावित लोगों को चेक सौंपने के लिए मंत्री के रूप में जाने वाले थे. लेकिन जिला कलेक्टर द्वारा पहले ही आपदा प्रभावित लोगों को चेक बांट दिया गया. इसके बाद किरोड़ी लाल मीणा फिर बैकफुट पर आ गए.

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अब किरोड़ी लाल मीणा अपने क्षेत्र में भ्रमण कर रहे हैं. इतना ही नहीं वह SI भर्ती को लेकर लगातार खुलासे भी कर रहे हैं. हाल ही में उन्होंने टॉपर्स पर सवाल खड़ा किया और कहा कि टॉपर को तेजा जी के बारे में भी पता नहीं है. उन्होंने दावा किया कि 1 करोड़ देकर टॉपर बनाया गया है. किरोड़ी लाल मीणा इन दिनों जो कुछ भी कर रहे हैं. ऐसे में सियासत और जनता दोनों में एक ही सवाल उठ रहा है कि किरोड़ी लाल मीणा आखिर साबित क्या करना चाहते हैं.

जनता से रूठे हैं किरोड़ी लाल मीणा

किरोड़ी लाल मीणा ने अपना दर्द भी बयां किया है. जिसमें उन्होंने कहा कि "जहां मैं 45 साल से जिस इलाके में हर जाति के दुःख-दर्द में लड़ रहा हूं, चाहे तूफान आए या बरसात आ जाए, चाहे पहाड़ पर चढ़ना पड़े, चाहे लाठी खाना पड़े या फिर जेल जाना पड़े, वो सब कुछ हर एक किसी के लिए किया है. जब परीक्षा की घड़ी आई तो वो वोटर गायब हो गए, इससे मेरा मन टूट गया." 

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