Rajasthan Politics: 'मैं बैंसला की तरह हूं, मेरा भाई सचिन पायलट की तरह सौम्य है' गुर्जरों से बोले किरोड़ी लाल मीणा 

Kirodi Lal Meena: किरोड़ी लाल मीणा ने मार्मिक अपील करते हुए कहा कि आज धनतेरस पर धन बरस रहा है. समाज से अपील है. मेरे भाई को टिकट मिला है. नानी का दंड नवासा को मत देना.

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Dausa Assembly Seat: उपचुनाव के लिए अपने भाई जगमोहन मीणा के लिए प्रचार कर रहे भाजपा नेता और कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने मंगलवार को दौसा में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनके भाई सचिन पायलट की तरह सौम्य और सरल है. उन्होंने खुद को बैंसला बताया. यह बात उन्होंने गुर्जर समुदाय के दीपावली स्नेह मिलन समारोह में कहीं. 

कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला राजस्थान में गुर्जर आरक्षण आंदोलन का चेहरा रहे हैं. उन्हीं के नेतृत्व में साल 2007 में गुर्जर आरक्षण आंदोलन हुआ था. 

राजस्थान में 13 नवंबर को 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हैं. उसमें दौसा भी शामिल है. भाजपा ने किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा को यहां से प्रत्याशी बनाया है. ऐसे में किरोड़ी लाल मीणा उनके लिए प्रचार कर रहे हैं. दौसा सीट पर गुर्जरों की अच्छी-खासी तादाद है. ऐसे में किरोड़ी का यह बयान गुर्जर मतदाताओं को साधने लिए है.

गुर्जर आंदोलन के समय से बढ़ी दरार 

यह माना जाता है कि गुर्जर और मीणा समुदायों के बीच 'सियासी दुश्मनी' है. दोनों समुदाय के बीच यह दरार 2007 के गुर्जर आंदोलन के समय बहुत बढ़ गई थी. दोनों तरह के नेताओं ने एक दूसरे के खिलाफ खूब बयान दिए थे. किरोड़ी लाल मीणा उस समय मीणा समुदाय के सबसे बड़े नेता के तौर पर जाने जाते थे. कुछ जगहों पर मीणा और गुर्जरों के बीच झड़पें भी हुईं थीं. 

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'राजनैतिक प्रभाव बढ़ाने में साथ दूंगा'

किरोड़ी लाल मीणा ने मार्मिक अपील करते हुए कहा कि आज धनतेरस पर धन बरस रहा है. समाज से अपील है. मेरे भाई को टिकट मिला है. नानी का दंड नवासा को मत देना. मैं बैंसला की तरह तो मेरा भाई सचिन पायलट की तरह सौम्य-सरल है. राजनैतिक प्रभाव बढ़ाने में साथ दूंगा.

दौसा में इस बार मुकाबला दिलचस्प 

कांग्रेस ने दौसा से दीनदयाल बैरवा उर्फ डीसी बैरवा को उम्मीदवार बनाया गया है. जातिगत समीकरणों की बात की जाये तो दौसा सीट पर मुकाबला टक्कर का हो सकता है. कांग्रेस इस सीट पर मीणा तो भाजपा ब्राह्मण उम्मीदवार उतारती रही है. लेकिन इस बार भाजपा ने भी मीणा उम्मीदवार उतारा है. ऐसे में भाजपा को सवर्ण मतदाताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है. शंकर लाल शर्मा ने साल 2013 में यहां जीत हासिल की थी. दौसा सीट के जातीय समीकरण दिलचस्प हो गए हैं. 

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