8वीं में पढ़ने वाले कोटा के देव प्रताप ने कबाड़ से बना दी बाइक, घर की बालकनी को बनाया वर्कशॉप

कबाड़ से बाइक बनाने वाले देव के पिता इंद्रपाल चड्डा कहते हैं कि देव एथलेटिक्स का भी अच्छा प्लेयर है, वह अभी तक कई राष्ट्रीय और राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर मेंडल जीत चुका है.

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8वीं में पढ़ने वाले कोटा के देव प्रताप ने कबाड़ से बना दी बाइक

Rajasthana News: देश के अलग-अलग हिस्सों से इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा (JEE) की तैयारी करने के लिए छात्र कोटा आते हैं. इसके बाद प्रवेश परीक्षा पास कर आईआईटी संस्थान में एडमिशन लेते हैं. इसीलिए कोटा को इंजीनियर्स की फैक्ट्री भी कहा जाता है. अब कोटा में 14 साल के देवप्रताप चड्डा ने नया कमाल किया है. 8वीं में पढ़ने वाले देवप्रताप ने घर पर ही कबाड़ से बाइक बना डाली. साथ ही बाइक में देवप्रताप ने कार के टायर बड़े-बड़े टायर लगा दिए. जानकारी के मुताबिक, देव एथलेटिक्स का अच्छा प्लेयर भी है. वह कई राष्ट्रीय और राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुका है. 

स्कूल से आने के बाद रोज 2 घंटे करते मेहनत

देवप्रताप हर रोज स्कूल की पढ़ाई के साथ-साथ घर आने के बाद बाइक बनाने के लिए 2 घंटे मेहनत करते थे. अपने फ्लैट की बालकनी को ही वर्कशॉप में तब्दील कर देवप्रताप ने करीब 5 महीने में मॉडिफाइड बाइक तैयार कर ली. बालकनी में सभी प्रकार के टूल किट वेल्डिंग मशीन समेत अन्य सामान को ऐसे व्यवस्थित किये, जैसे कोई वर्कशॉप हो. देव प्रताप चड्डा बताते हैं कि बचपन से ही उन्हें कार, बाइक का शौक है. मॉडिफाइड बाइक तैयार करने का आइडिया उनके दिमाग में चल रहा था. फिर बाइक का डिजाइन तैयार किया और मॉडिफाइड बाइक को घर में बनाने की ठान ली.

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बाइक में कार का लगाया पिछला पहिया

बाइक बनाने के लिए जरूरी सामान कबाड़ में तलाशना शुरू किया और कबाड़ में पड़े पुरानी बाइक्स के पार्ट्स लेकर आया. इसके बाद धीरे-धीरे पुराना इंजन और फ्यूल टैंक भी कबाड़ से तलाशा गया. जुलाई महीने से बाइक तैयार करने की शुरुआत हुई और करीब 5 महीने के बाद अब बाइक लगभग तैयार हो गयी. बाइक को लुक देने के लिए पिछला पहिया कार का फिट किया गया है, जबकि आगे का बाइक का लगया गया है.

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बाइक राइड में रेसिंग बाइक जैसा अनुभव हो रहा है. अब बाइक का कलर और स्पीड मीटर पर वर्क किया जा रहा है. जल्द ही आकर्षक रंग से इस बाइक को कलर किया जाएगा.  

एथलेटिक्स का भी अच्छा प्लेयर है देव 

देवप्रताप की माँ रामनीत कौर बताती हैं कि बेटे को बचपन से ही इंजीनियरिंग को लेकर इंटरेस्ट है. जब उसने बाइक बनाने के लिए आइडिया शेयर किया तो मैंने भी उत्सवर्धन किया और जो भी मदद मुझे हो सकती थी. मैंने समय-समय पर की. बेटे देव प्रताप ने जैसे ही बाइक तैयार की, रिश्तेदारों और दोस्तों की ओर से बधाइयां आनी शुरू हो गई. यह हमारे लिए गौरव का पल है और दूसरे बच्चों के लिए प्रेरणा है कि इस उम्र में जब बच्चे मोबाइल पर गेम में लगे रहते हैं. ऐसे वक्त में देव प्रताप ने अपनी तकनीकी दक्षता का परिचय देकर अपने हम उम्र विद्यार्थियों को संदेश दिया है.

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पिता इंद्रपाल चड्डा भी अपने बेटे की कामयाब हुई मेहनत पर उत्साहित हैं. पिता कहते है कि हमें उम्मीद थी कि बेटा वाकई मेहनत लगन से जुटकर बाइक तैयार कर रहा था और अब कामयाबी मिली है. इससे बेटे के आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी होगी. उन्होने बताया कि देव एथलेटिक्स का भी अच्छा प्लेयर है, वह अभी तक कई राष्ट्रीय और राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर मेंडल जीत चुका है.