Kota Coaching Centers: इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी के लिए कोटा पूरे भारत में मशहूर है. यहां देश भर से लाखों बच्चे हर साल पढ़ाई करने आते हैं. कोटा में पढ़ने आने वाले बच्चे ही इस शहर की कमाई का मुख्य जरिया है. लेकिन अब यहां कई पढ़ाई और बच्चों को बेहतर व्यवस्था दिलाने के नाम पर कई तरह के गोरखधंधे शुरू हो गए हैं. जिसमें फंस कर कई अभिभावक अपनी मेहनत की कमाई का बड़ा हिस्सा गंवा देते हैं. यदि आप भी अपने बच्चों को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग सिटी कोटा भेज रहे हैं या भेजने का सोच रहे हैं तो जरा होशियार रहिए. क्योंकि यहां बेहतर कोचिंग सेंटर के साथ-साथ हॉस्टल और पीजी के नाम पर भी दलाली करने वाले लोगों का बड़ा नेटवर्क एक्टिव हैं.
कोटा के दलालों से कैसे बचें
यदि आप अपने बच्चों को कोटा भेजना चाहते हैं तो खुद से कोटा पहुंचकर कोचिंग, हॉस्टल या पीजी फाइनल कीजिए. साथ ही समय-समय पर उसकी मॉनिटरिंग भी करते रहें. ऐसा इसलिए क्योंकि कोटा में स्टूडेंट्स से संबंधित काम-काज के लिए दलालों का बड़ा नेटवर्क एक्टिव हैं. यदि आप इस नेटवर्क के चंगुल में पड़े तो आपको गुमराह कर उचित हॉस्टल में रूम ना दिलवाकर कमीशनखोरी करके आपको परेशान किया जा सकता है.
रविवार को पुलिस ने 8 दलाल किए गिरफ्तार
दरअसल कोटा पुलिस ने शहर में सक्रिय दलालों पर शिकंजा कसने के लिए अभियान चला रखा है. इसी अभियान के तहत कोटा की कुल्हाड़ी थाना पुलिस ने रविवार को कार्रवाई करते हुए 8 दलालों को गिरफ्तार किया है जो बच्चों को गुमराह कर इधर-उधर हॉस्टल में रूम दिलाया करते थे. यह कार्रवाई कोटा की कुल्हाड़ी थाना पुलिस ने तब की जब दलालों का ही आपस में झगड़ा हो गया और पुलिस को सूचना मिली और उनका धरदबोचा.
रेलवे स्टेशन से ही अभिभावकों को पकड़ लेते हैं
कुन्हाड़ी थाने के सीआई अरविंद भारद्वाज ने बताया कि कोटा के लैंडमार्क सिटी इलाके में दलालों का आपस में झगड़ा होने की सूचना मिली थी इसके बाद मौके पर पहुंचकर आठ दलालों को गिरफ्तार किया है यह बाहर से आने वाले विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को रेलवे स्टेशन से ही पकड़ लेते थे और अच्छा हॉस्टल सभी सुविधाओं के साथ दिलवाने के नाम पर कमीशन खोरी के चक्कर में महंगा हॉस्टल दिलवा देते थे.
थाना अधिकारी अरविंद भारद्वाज ने बताया कि कई बार स्टूडेंट की ओर से भी शिकायत आ रही थी कि हॉस्टल में जिन सुविधाओं को दिए जाने की बात कही गई थी वह सुविधा हॉस्टल में नहीं दी जा रही है और ना ही एडवांस दी हुई राशि लौटाई जा रही है जिससे हम दूसरे हॉस्टल में रूम लेकर अपनी पढ़ाई सुचारू कर सकें.
ऐसे करता हैं दलालों के नेटवर्क काम
थानाधिकारी ने बताया कि लैण्डमार्क सिटी कुन्हाडी थाना क्षेत्र में उक्त दलालों द्वारा कोचिंग एरिया में ऐसी अव्यवस्था फैला रखी थी कि बाहर से आने वाले नए बच्चो को अपने हिसाब से हॉस्टलों में कमरे दिला देते है. हॉस्टल में प्रवेश लेने के बाद बच्चो को सत्यता का पता चलता है कि इस कीमत में आस-पास और भी अच्छे हॉस्टल है. जब वह हॉस्टल खाली करता है तो छात्र की जमा सिक्योरिटी राशि हॉस्टल संचालक द्वारा लौटाने में आनाकानी की जाती है.
रविवार को कोटा पुलिस ने तरुण रानीवाल, महेंद्र बेरवा, मोहम्मद हुसैन, बब्बर खान, नंदलाल गोस्वामी, मोइन, मोहम्मद रिजवान और हरिओम नामक 8 दलालों को गिरफ्तार किया है. साथ ही पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ की जा रही है कि कमीशन खोरी के खेल में बच्चों को गुमराह करने कि इसके इस गिरोह में और कौन-कौन लोग शामिल हैं. पुलिस से गिरफ्त में सभी अभियुक्त कोटा के अलग-अलग क्षेत्र के रहने वाले हैं.
कई बार परिजन भी हो जाते हैं गुमराह
पुलिस की शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि जिन बच्चो को उनके माता-पिता हॉस्टल में कमरा दिलवा कर जाते हैं. उन बच्चों को भी ये लोग बरगलाकर कमीशन लेकर दूसरे कमरे में शिफ्ट करवा देते हैं. पुलिस के अनुसार जैसे किसी बच्चे को परिजनों ने किसी हॉस्टल में 15000 का रूम दिलवाया तो उसे बच्चों को गुमराह कर वैसे ही सुविधाओं वाला 10 या 12000 में रूम दिलवा देते थे.
जबकि वहां सुविधा वैसी नहीं होती थी लेकिन कई बच्चे भी हॉस्टल बदलने की सूचना अपने परिजनों को न देकर घर से आए पैसों से गलत शौक में लगा रहे थे. कोटा पुलिस सब लगातार दलालों पर शिकंजा कसने के लिए अभियान चला रही है और अभिभावकों से भी अपील कर रही है कि दलालों से सतर्क रहें अगर कोई दलाल उनसे संपर्क करने की कोशिश करता है तो पुलिस को सूचना दें.
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