Rajasthan 'चर्च में हो रहा था धर्मांतरण', हिंदू संगठनों ने किया कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन

Rajasthan: कोटा के बीरशेबा चर्च में जबरन धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है. इसके साथ ही पास्टर चंडी वर्गेश का एक वीडियो भी सामने आया है . जिसके विरोध में बजरंग दल और हिंदू संगठन के पदाधिकारियों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर बोरखेड़ा थाने में मामला दर्ज करवाया है.

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Rajasthan News: राजस्थान में धर्म परिवर्तन के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इसी कड़ी में कोटा के बीरशेबा चर्च में जबरन धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है. इसके साथ ही पास्टर चंडी वर्गेश का एक वीडियो भी सामने आया है . जिसके विरोध में बजरंग दल और हिंदू संगठन के पदाधिकारियों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर बोरखेड़ा थाने में मामला दर्ज करवाया है. संगठनों का आरोप है कि बोरखेड़ा में अरुणजोन के माध्यम से दिल्ली से ईसाई पादरियों को बुलाकर हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराने का आरोप है. 

आध्यात्मिक सत्संग के नाम पर हिंदुओं का करवाया धर्मांतरण

मामले की जानकारी देते हुए बजरंग दल के प्रदेश संयोजक योगेश रेनवाल ने बताया कि राजस्थान में धर्मांतरण विरोधी कानून “राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2025” लागू है. इसके  बावजूद अरुणजॉन ने दिल्ली से ईसाई पादरी चंडी वर्गीस और अन्य पादरियों को बोरखेड़ा थाना क्षेत्र के कैनाल रोड स्थित बीरशीबा चर्च में बुलाकर 4 से 6 नवंबर 2025 तक आध्यात्मिक सत्संग के नाम पर हिंदुओं का धर्मांतरण करवाया.

वायरल वीडियो से भड़के संगठन

राजस्थान सरकार को इंगित करते हुए पास्टर चंडी वर्गेश के एक कथित वीडियो भी वायरल हो रहा है.  इस वीडियो में पास्टर वर्गेश को यह कहते सुना जा रहा है कि राजस्थान में कल ईसाई बढ़ने जा रहा है, लोग पाप के बंधनों से आजाद हो जाएंगे,यहां शैतान का राज है, इसको हटाकर मसीहत (ईसाईयत) लागू करके यीशु ईसाई का राज करेगा."

बजरंग दल ने दर्ज कराई शिकायत

इस वीडियों के जारी होने के बाद बजरंग दल के पदाधिकारियों ने बोरखेड़ा थाना पुलिस को शिकायत दर्ज कराते हुए वायरल वीडियो को सबूत के तौर पर पेश किया है. मामले को लेकर थानाधिकारी देवेश भारद्वाज ने बताया कि बजरंग दल के जरिए दर्ज करवाई गई रिपोर्ट पर जांच शुरू कर दी गई है. साथ में उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि शिकायतकर्ताओं ने कुछ वीडियो फुटेज दिए हैं जिनकी सत्यता की जांच की जा रही है. 

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चर्च ने आरोपों को बताया निराधार 

वहीं, इस पूरे मामले पर चर्च के पादरी अरुण कुमार ने धर्मांतरण के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए अपना पक्ष रखा है. उन्होंने कहा कि चर्च में केवल आत्मिक सत्संग का कार्यक्रम था, जिसकी परमिशन जिला प्रशासन से ली गई थी. पादरी अरुण कुमार के अनुसार, धर्मांतरण जैसी कोई गतिविधि इस दौरान नहीं हुई. वीडियो के लेकर उनका दावा है कि उसमें वक्ता केवल आत्मिक सत्संग के बारे में बोल रहे थे, लेकिन उसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है. उन्होंने आगे बताया कि पुलिस और इंटेलिजेंस के लोग पूछताछ के लिए आए थे, जिन्हें कार्यक्रम के संबंध में पूरी जानकारी दे दी गई है.

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