Rajasthan: कमरे में एंटी हैंगिग डिवाइस लगाने से रोका, ऑनलाइन रस्सी मंगवाई, डेमो के बाद छात्र ने किया सुसाइड

Kota Student Suicide: राजेश सोनी का कहना है कि मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया है. गर्दन पर घाव जैसा निशान शव काफी देर लटके रहने से आ जाता है. पुलिस हर एंगल पर जांच करेगी.

Advertisement
Read Time: 3 mins

Rajasthan News: कोटा में कोचिंग स्टूडेंट के सुसाइड मामले में खुलासा हुआ है कि छात्र सुमित ने आत्महत्या ही की है. परिजनों की आशंका के शुरुआती जांच के बाद खारिज करते हुए मौके पर मिले साक्ष्य के अनुसार, पुलिस ने पाया कि रोहतक निवासी छात्र सुमित पंचाल ने आत्मघाती कदम उठाने के लिए बाकायदा ऑनलाइन रस्सी मंगवा कर डेमो भी किया. कुन्हाड की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के जिस हॉस्टल 'उत्तम रेजीडेंसी' में सुमित ने सुसाइड किया, उसके सभी 34 कमरों में लैंगिंग डिवाइस लगी है. लेकिन, कमरा नंबर 108 में एंटी हैगिंग डिवाइस नहीं थी. खुद सुमित ने डिवाइस लगवाने से इनकार कर दिया था. 

घर जाने का बनाया बहाना 

यदि इस इनकार का संकेत गंभीरता से लिया होता तो सुमित की जान बच सकती थी. वहीं हॉस्टल संचालक उत्तम नाटाणी ने पुलिस को बताया है कि हॉस्टल के सभी कमरों में एंटी हैंगिंग डिवाइस लगवाई थी. कुछ कमरे बच गए थे. जिनमें 21 अप्रैल को फिर डिवाइस लगाने वाला आया. तब सुमित के रूम में भी डिवाइस लगाने के टेक्निशियन व मैनेजर गया तो उसने मना कर दिया था. बोला था- मैं 4-5 दिन बाद घर जाने वाला हूं तो मेरे कमरे में क्यों डिवाइस लगाकर गंदगी कर रहे हैं. बाद में लगा देना और 7 दिन बाद 28 अप्रैल को इसी रूम में फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया.

Advertisement

परिजनों का यह है आरोप

परिजनों का आरोप है कि सुमित सुसाइड नहीं कर सकता. उसके साथ कुछ गलत हुआ है. मृतक छात्र सुमित के चाचा सुरेंद्र पांचाल ने बताया कि उसकी गर्दन पर घाव व हाथ-पैर पर भी लाल, नीले निशान थे. सुमित से 5 दिन पहले बात हुई थी. रविवार को सुबह से शाम तक उन्होंने कई कॉल किए, लेकिन बात नहीं हो पाई. हॉस्टल संचालक को इस संबंध में सूचना दी, तब उसने कमरे में जाकर देखा तो हादसे का पता चला. सुमित नीट की परीक्षा बिना कोचिंग किए दे चुका था. दूसरी बार यह कोचिंग करके परीक्षा दे रहा था. उसे कोई तनाव नहीं था. मामले में मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम और स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम गठित करने की मांग की. इधर डिप्टी राजेश सोनी का कहना है कि मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया है. गर्दन पर घाव जैसा निशान शव काफी देर लटके रहने से आ जाता है. पुलिस हर एंगल पर जांच करेगी.

Advertisement

ट्रेनिंग प्रोग्राम पर हुए सवाल खड़े

कोटा में लगातार हो रहे स्टूडेंट सुसाइड के मामलों के बाद जिला प्रशासन की ओर से हॉस्टल एसोसिएशन के साथ मिलकर हॉस्टल स्टाफ को गेटकीपर प्रोग्राम के तहत तनावग्रस्त स्टूडेंट्स की पहचान कर काउंसलिंग करवाने सहित अन्य ट्रेनिंग टिप्स देने का दावा किया गया है. लेकिन एक बार फिर कोचिंग स्टूडेंट की सुसाइड के मामले ने कोटा जिला प्रशासन पुलिस और कोचिंग संस्थानों हॉस्टल एसोसिएशन द्वारा किए जा रहे तमाम प्रयासों पर सवाल खड़े कर दिए हैं. फिलहाल हॉस्टल संचालक के खिलाफ कमरे में एंटी हैंगिंग डिवाइस नहीं होने के मामले में कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. वहीं जिला प्रशासन द्वारा अब एक बार फिर हॉस्टल संचालकों को गाइडलाइन की पालना सख़्ती से करवाने की बात कही जा रही है.

Advertisement