कोटा के छात्र भावेश ने क्यों की सुसाइड, पापा ने कहा- 10वीं के छात्र के पास 20 से ज्यादा मेडल, स्कूल बोला- शरारती था

कोटा के भावेश की मौत की कहानी कुछ अजीब है. क्योंकि जहां परिजनों का कहना है कि भावेश तेज तर्रार था और स्कूल ने ही उसे दर्जनों मेडल दिये हैं. दूसरी तरफ स्कूल प्रशासन का कहना है कि भावेश की शरारती था

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भावेश ने की आत्महत्या

Kota School Student Suicide: राजस्थान के कोटा शहर में कोचिंग स्टूडेंड के सुसाइड मामले काफी आ चुके हैं. इस साल कोटा में करीब 15 कोचिंग छात्रों ने आत्महत्या का मामला सामने आ चुका है. लेकिन नया मामला कोटा में अब स्कूल छात्र के आत्महत्या का आया है. जिसने कोटा में सनसनी मचा दी है. कोटा में 10वीं के स्कूली छात्र भावेश ने तीसरी मंजील से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली है. यह मामला काफी गंभीर है. क्योंकि जहां एक ओर भावेश की मौत पर परिजन स्कूल प्रशासन को जिम्मेदार मान रहे हैं तो दूसरी ओर स्कूल प्रशासन का कहना है कि भावेश शरारती था और कई बार उसके माता-पिता को नोटिस दी गई थी.

कोटा के भावेश की मौत की कहानी कुछ अजीब है. क्योंकि जहां परिजनों का कहना है कि भावेश तेज तर्रार था और उसने 10वीं तक की पढ़ाई में दर्जनों मेडल जीते थे. जिसे स्कूल द्वारा ही दिया गया था. लेकिन दूसरी तरफ स्कूल प्रशासन का कहना है कि भावेश की शरारती था और उसकी शरारत काफी बढ़ गई थी. जिसकी जानकारी उसके पैरेंट्स को दी गई थी. हालांकि सवाल यह है कि शरारती छात्र आखिर इतना तनाव में कैसे आ गया जिसने घर की तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी.

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क्या कहना है भावेश के पिता का

भावेश के पिता का कहना है कि उनका बेटा काफी तेज तर्रार था. यही स्कूल वालों ने भावेश को 20 से ज्यादा मेडल दिये हैं, जिसमें गोल्ड से सिल्वर तक शामिल हैं. यही लोग मेडल देकर भावेश के साथ फोटो भी खींचवाते थे. लेकिन आज भावेश को ही गलत ठहरा रहे हैं. भावेश ऐसा नहीं था कि वह आत्महत्या कर सकता है. स्कूल प्रशासन ने उसके साथ ज्यादती की है इस वजह से वह तनाव में रह रहा था. अब उसने ऐसा बड़ा कदम उठाया है.

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स्कूल के टीचर ने क्या कहा

भावेश आरके पूरम थाना क्षेत्र स्थित डीएवी स्कूल में पढ़ाई करता था. स्कूल के टीचर ने भावेश के बारे में कहा है कि वह थोड़ा शरारती थी. लेकिन दिन ब दिन उसकी शरारत बढ़ रही थी. भावेश के बैग से हुक्का जैसी चीज बरामद हुई थी जिसके बाद उसके माता पिता को नोटिस किया गया था. जबकि उसके पिता जोधपुर में रहते हैं तो उनकी जगह भावेश के दादा जी स्कूल आए थे. प्रिंसपल से बात होने के बाद प्रार्थना पत्र साइन कराया गया था. भावेश को स्कूल आने से मना किया गया था लेकिन उसे अर्धवार्षिक परीक्षा में शामिल होने के लिए अनुमति दी गई थी. इसके बाद वह परीक्षा में शामिल भी हुआ. लेकिन परीक्षा में भी भावेश ने हिंदी की परीक्षा में दूसरी की आंसर सीट ले ली थी. इसके लिए भी उसे चेतावनी दी गई थी. वहीं दुर्गापूजा की छुट्टी में स्कूल बंद हुआ था और उसके बाद यह खबर सामने आई है.

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ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर भावेश के साथ ऐसा क्या हुआ कि उसे स्कूल की छुट्टियों में इतना तनाव हुआ की उसके मन में आत्महत्या करने का ख्याल आया. और उसने इसे अंजाम भी दे दिया. पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू की है. लेकिन यह मामला स्कूली छात्रों और समाज के लोगों के लिए काफी गंभीर है.

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