Rajasthan News: कोटा मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस कर रहे एक छात्र की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है. मृतक के पिता की शिकायत पर पुलिस ने मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल, हॉस्टल वार्डन और दो मेडिकोज के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है. इस मामले में पुलिस अब जांच कर रही है और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई करने की बात कह रही है.
3 महीने बाद दर्ज हुआ मामला
जयपुर जिले के बस्ती निवासी सुनील बैरवा (28) कोटा मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस कर रहे थे. वह मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में ही रहते थे. 5 मार्च 2025 को उनकी मौत हो गई थी, जिसे पहले आत्महत्या का मामला माना गया था. लेकिन अब मृतक के पिता कजोड़मल ने आरोप लगाया है कि उनके बेटे की हत्या की गई है.
इनके खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
मृतक के पिता ने अपनी शिकायत में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर संगीता सक्सेना, हॉस्टल वार्डन स्टूडेंट आदर्श फौजदार और संदीप मान के खिलाफ हत्या और एससी एसटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है. पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई करने की बात कह रही है.
पुलिस क्या कह रही है?
एडिशनल एसपी दिलीप सैनी ने बताया कि पिता द्वारा दी गई रिपोर्ट के बाद मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. इस पूरे मामले में जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई भी होगी. पुलिस अब इस मामले में गहराई से जांच कर रही है और दोषियों को बख्शने की बात नहीं कह रही है.
पुलिस को मिला था सुसाइड नोट
पुलिस को सुनील बैरवा के कमरे से सुसाइड नोट मिला था, जिसमें लिखा था कि वह माता-पिता का सपना पूरा नहीं कर पा रहा है, इसलिए उनसे माफी मांग रहा है. इस पूरे मामले में मृतक छात्रा के साथी दोस्त ने कॉलेज प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा था कि कॉलेज प्रशासन की ओर से छात्र सुनील बैरवा को परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया जा रहा था, जिसकी वजह से वह डिप्रेशन में चल रहा था. कुछ दिन पहले भी उसने कॉलेज प्रबंधन से बातचीत कर परीक्षा में बैठाए जाने की गुहार लगाई थी. लेकिन कॉलेज प्रशासन ने उसकी बात पर कोई ध्यान नहीं दिया, जिससे उसकी मानसिक संतुलन भी खराब हो रहा था. वह मनोचिकित्सा की सलाह पर दवाइयां भी ले रहा था.'
'डेढ़ साल पहले नकल करने में आया था नाम'
उस वक्त मृतक छात्र के पिता कजोड़मल का बताया था कि करीब डेढ़ साल पहले उनके बेटे का चीटिंग के मामले में नाम आया था. उसके बाद से ही कॉलेज प्रशासन की ओर से उसको डेढ़ साल के लिए डिटेन भी किया गया था, लेकिन उसके बाद सब कुछ सामान्य होने पर भी उनके बेटे को कॉलेज प्रशासन ने परीक्षाओं में शामिल नहीं होने दिया, जिसके चलते वह लगातार परेशान हो रहा था. मृतक छात्रा के पिता ने इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच करने की मांग की है.
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