Kota Student Suicide Case In Vidhan Sabha: राजस्थान विधानसभा में प्रश्नकाल में कोटा में बढ़ते छात्र आत्महत्या के मामलों को लेकर हंगामा हुआ. विधायक शांति धारीवाल ने इस मुद्दे को उठाया, जिस पर मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने जवाब दिया. लेकिन विपक्ष को सरकार का जवाब संतोषजनक नहीं लगा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और विधानसभा अध्यक्ष के बीच बहस हो गई.
"सुसाइड गंभीर मामला"
टीकाराम जूली ने कहा कि यह सुसाइड का गंभीर मामला है, लेकिन हमें इसे उठाने नहीं दिया जा रहा, यह सही नहीं है. शांति धारीवाल ने सरकार से सवाल किया कि जब केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तहत कोचिंग संस्थानों में काउंसलर्स और साइकोलॉजिस्ट अनिवार्य किए जा चुके हैं, तो प्रदेश में कितने कोचिंग संस्थानों ने इस नियम का पालन किया है?
"कोचिंंग संस्थानों में काउंसलर हैं या नहीं"
उन्होंने पूछा कि क्या सरकार ने अपने अधिकारियों को भेजकर यह जांच की कि कोचिंग संस्थानों में काउंसलर हैं या नहीं? मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने जवाब दिया कि हमारा बिल पूरी तैयारी में है. जल्द ही इसे लागू किया जाएगा. इसके बाद कोचिंग संस्थानों में काउंसलर और साइकोलॉजिस्ट की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी.
"अब तक 27,000 छात्रों की काउंसलिंग करवाई है"
मंत्री गजेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि राज्य सरकार ने अब तक 27,000 छात्रों की काउंसलिंग करवाई है और प्रदेश में काउंसलर्स व साइकोलॉजिस्ट की नियुक्ति को हरी झंडी मिल गई है. उन्होंने कहा कि यह कदम आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए उठाया गया है. सदन में हुई बहस के दौरान विपक्ष ने सरकार को घेरा और त्वरित कार्रवाई की मांग की.
"कोचिंंग में अधिकारियों को नहीं भेज सकते"
हसरकार ने भरोसा दिलाया कि जल्द ही सख्त नियम लागू कर कोचिंग संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को अनिवार्य किया जाएगा. मंत्री ने बताया कि जब तक यह बिल पास नहीं होगा, हम किसी कोचिंग संस्थान में अधिकारियों को नहीं भेज सकते. हम कोचिंग संस्थानों में जाकर दादागिरी नहीं कर सकते.
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