Hanuman Beniwal: नागौर सांसद और RLP प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने भू-माफियाओं द्वारा कीमती जमीनों पर कब्जा करने के मुद्दे पर भजनलाल सरकार के नेताओं और पूर्व के गहलोत सरकार के नेताओं पर सवाल खड़ा किया है. हनुमान बेनीवाल ने नागौर में ताऊसर रोड पर आवासन मंडल को आवंटित 500 करोड़ की भूमि पर माफियाओं के कब्जे को लेकर सरकार का ध्यान केंद्रित किया है. वहीं उन्होंने कहा है कि भू-माफियाओं के खिलाफ जिला प्रशासन बेबस नजर आ रही है. वहीं उन्होंने भजनलाल सरकार से 4 सवाल भी पूछे हैं. जबकि तत्कालीन ADM कुचामन सिटी और तत्कालीन जिला प्रशासन के अधिकारियों के कार्रवाई पर सवाल खड़ा किया है.
हनुमान बेनीवाल ने अपने सोशल मीडिया एक्स के जरिए एक लंबा पोस्ट शेयर किया है. जिसमें उन्होंने भू-माफिया के कब्जा पर प्रशासन, सरकार और पूर्व सरकार की भूमिका पर सवाल खड़ा किया है.
हनुमान बेनीवाल ने क्या कहा
हनुमान बेनीवाल ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, नागौर शहर में ताऊसर रोड पर आवासन मंडल को आवंटित बेशकीमती 500 करोड़ रुपए से अधिक कीमत की जमीन पर भू -माफिया जबरन कब्जा कर रहे है. जबकि जिला प्रशासन ऐसे माफियाओं के आगे बेबस नजर आ रहा है. चूंकि उक्त भूमि पर राजस्थान आवासन मंडल ने भूखंड देने की योजना निकाल रखी है और लोगों ने आवेदन भी कर दिए. जिसके एवज में आवेदन शुल्क भी लोगों ने जमा करवाया है. इस भूमि पर वर्षों पूर्व लोगों ने अवैध रुप से नामांतरण करवाया. लेकिन उस नामांतरण को जिला स्तर से लेकर हाईकोर्ट और माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने गलत नामांतरण करवाने वालों के खिलाफ अपना निर्णय दिया था.
मगर भू-माफियाओं ने अधिकारियों से व तत्कालीन अतिरिक्त जिला कलक्टर कुचामन सिटी कमला अलारिया से मिलीभगत करके इस जमीन के नामांतरण से जुड़ी पत्रावली को न्यायालय अतिरिक्त जिला कलक्टर, कुचामन सिटी में एक अपील के रूप में प्रस्तुत किया और दिनांक 16/01/2023 को ADM न्यायालय कुचामन सिटी ने भी माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को ताक पर रखकर भू-माफियाओं को संरक्षित करने वाला जो निर्णय दिया. उससे न्याय व्यवस्था पर भी बड़ा सवाल खड़ा होता है.
बेनीवाल ने सीएम से पूछे यह चार सवाल
हनुमान बेनीवाल ने कहा, मैं संवेदनशील मुख्यमंत्री होने का दावा कर रहे भजनलाल सरकार से पूछना चाहता हूं कि
1. नागौर शहर में आवासन मंडल को आवंटित इस भूमि तथा इसके आस पास खाली पड़ी सरकारी भूमि पर भू-माफिया जबरन कब्जा लेने पर आमदा है,जिला प्रशासन नागौर की भूमिका संदेह के दायरे में है. क्योंकि ऐसे प्रकरण में जिला प्रशासन को तत्काल स्वत: संज्ञान लेकर कब्जा करने वाले लोगों को बेदखल करने के जरूरत है. मगर अतिक्रमण करने वालों का संरक्षण उपखंड अधिकारी नागौर और जिला प्रशासन नागौर द्वारा किया जा रहा है क्यों?
2. तत्कालिन ADM कुचामन सिटी ने माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को ताक पर रखकर 16/01/2023 को जो निर्णय इस मामले में दिया, मेरा सवाल है की क्या तत्कालीन ADM कुचामन सिटी और तत्कालीन जिला प्रशासन के अधिकारी माननीय सुप्रीम कोर्ट से बड़े कैसे हो गए?
3. मामला नागौर शहर से जुड़ा है ऐसे में तत्कालीन कुचामन सिटी ADM ने उनके न्यायालय में इस मामले की सुनवाई कैसे की जबकि वो उनका क्षेत्राधिकारी भी नहीं था?
4. तत्कालीन जिला कलक्टर नागौर ने उक्त मामले की पत्रावली किस विधिक आधार पर तथा किसके कहने से ADM कुचामन न्यायालय को प्रेषित की?
इस मामले में पूर्ववती सरकार व वर्तमान सरकार के कई राजनेताओं की भूमिका संदेह के दायरे में है. इसलिए आप इस मामले में एक एफआईआर दर्ज करवाने तथा पूरे मामले की जांच SOG से करवाने के निर्देश प्रदान करें. प्रकरण को लेकर मैने राजस्थान सरकार के UDH मंत्री झाबर सिंह जी से खर्रा भी दूरभाष पर वार्ता की है.
यह भी पढ़ेंः Madan Dilawar:शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का बड़ा बयान, बोले-बजट सत्र के बाद शिक्षकों के होंगे ट्रांसफर