हादसे में घायल परिवार के दोस्त सुबोध ने NDTV को बताया कि रात 3 बजे घटना की जानकारी मिली. रात करीब 12:30 बजे से 1:30 बजे के बीच मेरे दोस्त का मकान गिर गया था. उन्होंने कहा कि हम सब यहां परिवार का पालन-पोषण करने के लिए आए थे. थोड़े पैसे कमाने के लिए आए थे. लेकिन, इस हादसे ने सब कुछ खत्म कर दिया. हमारा साथी भी चला गया और हमारे सपने भी.
मकान मालिक पर उठाए सवाल
सुबोध ने मकान मालिक शहाबुद्दीन पर भी सवाल उठाए, जिस मकान को हमने किराए पर लिया, उसके बारे में हमें कभी नहीं बताया गया कि ये खतरनाक है. हमें तो मकान सही और रहने लायक लगा था. हमें अंदाजा नहीं था कि ये अचानक गिर जाएगा. कन्या देवी की जेठानी ने भावुक होकर कहा, "हम सब यहां काम करने आए थे. अब जो जिंदा है, उसे तो जीना ही पड़ेगा, लेकिन जो चला गया वह वापस नहीं आएगा. हम कोशिश करेंगे कि उसकी अंतिम यात्रा सम्मानपूर्वक हो सके."
घायल परिवार का दोस्त सुबोध.
नोटिस के बारे में नहीं दी थी जानकारी
सुबोध ने बताया कि सुबोध ने नोटिस के बारे में भी जानकारी नहीं दी. अगर वह बता देता तो हम ऐसे घर में क्यों रहते. हमें अंदर से मकान ठीक लग रहा था. नगर निगम ने जब नोटिस दिया था तो बताना था. घर में रहने लायक नहीं है. आखिर हादसे का इंतजार कर रहे थे. हादसे प्रभात (35) और उसकी 5 साल की बेटी पीहू की मौत हो गई. वासुदेव (34), पत्नी सुकन्या (23) सोनू (4) और ऋषि (6) घायल हैं.
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