Rajasthan News: देश के 76वें संविधान दिवस (Constitution Day of India) के अवसर पर आयोजित एक विशेष समारोह का मंच उस वक्त राष्ट्रीय राजनीति का अखाड़ा बन गया, जब केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को उनकी 'धमकी' भरी भाषा के लिए सीधी चुनौती दे डाली. बीकानेर (Bikaner) के रवींद्र रंग मंच से, मेघवाल ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) सुप्रीमो के उस आक्रामक बयान पर तीखा पलटवार किया, जिसमें 'दीदी' ने कहा था कि अगर बीजेपी ने बंगाल में उन्हें 'चोट' पहुंचाई, तो वह 'पूरे भारत में उसकी नींव हिला देंगीं.'
'धमकियों से नहीं डरते, हम बंगाल में सुशासन देंगे'
कानून मंत्री मेघवाल ने संविधान की गरिमा और लोकतंत्र की मर्यादा का हवाला देते हुए ममता बनर्जी के इन इरादों पर सवाल उठाए और बीजेपी की बंगाल रणनीति को स्पष्ट किया. बीकानेर में मौजूद जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के सामने बोलते हुए अर्जुन राम मेघवाल ने ममता बनर्जी के नाम का सीधा उल्लेख न करते हुए भी, उनके बयान की धार को कुंद करने की कोशिश की. मेघवाल ने अपने संबोधन में कहा, 'धमकियों से बीजेपी कार्यकर्ता डरने वाले नहीं हैं. हमारा मुद्दा बिल्कुल स्पष्ट है — हम बंगाल में आएंगे तो सुशासन देंगे और विकास करेंगे. लोकतंत्र में धमकी की भाषा की कोई जगह नहीं होती. जो लोग लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं, उन्हें संविधान की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए.'
SIR विवाद: 'इलेक्शन कमीशन' बना 'बीजेपी कमीशन'
कानून मंत्री का यह पलटवार उस पृष्ठभूमि में आया है, जब ममता बनर्जी लगातार चुनाव आयोग और बीजेपी पर हमलावर हैं. बोनगांव की एक रैली में उन्होंने SIR (Systematic Improvement of Records) प्रक्रिया पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि 'इलेक्शन कमीशन' अब एक निष्पक्ष संस्था न रहकर 'बीजेपी कमीशन' बन गई है. दीदी का आरोप है कि SIR के बाद जब मतदाता सूची का मसौदा जारी होगा, तो लोगों को चुनाव आयोग और भाजपा द्वारा पैदा की गई 'आपदा' का एहसास होगा. उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखकर SIR कार्यों के लिए बाहरी एजेंसी से डेटा एंट्री ऑपरेटरों की नियुक्ति और निजी परिसर में पोलिंग बूथ बनाने के प्रस्ताव पर तत्काल हस्तक्षेप की मांग भी की है.
इस विवाद पर मेघवाल ने बीजेपी का रुख स्पष्ट करते हुए कहा, 'SIR अभियान मतदाता सूचियों को शुद्ध करने की नियमित प्रक्रिया है, जो पूर्व में भी होती रही है. 1955 से चुनाव आयोग अपनी निष्पक्षता सिद्ध करता आ रहा है. राजनीति वोट बैंक आधारित नहीं होनी चाहिए.'
संविधान का सम्मान और 'क्रेडिट वॉर'
संविधान दिवस के मौके को भुनाते हुए अर्जुन राम मेघवाल ने कांग्रेस पर भी तीखा हमला किया. उन्होंने दावा किया कि संविधान दिवस मनाने की परंपरा 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू हुई और कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि उसने यह दिन कब मनाया. इसके साथ ही, उन्होंने एक संवेदनशील बयान दिया जिसने सभी का ध्यान खींचा. मेघवाल ने कहा कि बाबा साहब डॉ. बी.आर. अंबेडकर के बाद उन्हें कानून मंत्री बनाए जाने पर वह प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं, क्योंकि यह पीएम के उनके प्रति 'विश्वास' का प्रतीक है.
कांग्रेस पर संविधान बदलने का आरोप
कानून मंत्री यहीं नहीं रुके. उन्होंने कांग्रेस पर संविधान का बार-बार दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने अपने स्वार्थ और केवल कुर्सी बचाने के लिए कई बार संविधान में बदलाव किए. इसके विपरीत, मोदी सरकार ने केवल देशहित में बड़े सुधारों के लिए संशोधन किए, जैसे EWS 10 प्रतिशत आरक्षण और GST लागू करना. उन्होंने कांग्रेस नेता उदित राज के बयान पर भी निशाना साधा और मर्यादा की बात कही.
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