Lawrence Bishnoi vs Goldy Brar: गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ के बीच दरार पड़ गई है. दोनों ने एक-दूसरे से दूरी बना ली है. सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय जांच एजेंसियों को दोनों के करीबियों से पूछताछ के बाद ये जानकारी मिली है. अब एजेंसियों की परेशानी और बढ़ सकती है. अब गोल्डी बराड़ ने अजरबैजान में रह रहे रोहित गोदारा से हाथ मिला लिया है. वहीं, लॉरेंस ने कनाडा में बैठे नोनी राणा उर्फ सूर्य प्रताप के साथ गठजोड़ कर लिया है. इस नए गैंग वॉर और बदलते गठजोड़ को लेकर पंजाब, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने हाल ही में एनआईए के साथ बैठक भी की है. फिलहाल लॉरेंस बिश्नोई अहमदाबाद की साबरमती जेल में बंद है, जबकि गोल्डी बराड़ अमेरिका से अपने गैंग को ऑपरेट कर रहा है.
लॉरेंस के भाई अनमोल की वजह से हुए मतभेद
दरअसल बिश्नोई और बराड़ के बीच दरार की शुरुआत लॉरेंस के छोटे भाई अनमोल को लेकर हुई थी. अनमोल जो लॉरेंस के इंटरनेशनल गैंग का हिस्सा है, वह नवंबर 2024 में अमेरिका में फर्जी डॉक्युमेंट्स के साथ पकड़ा गया था. गोल्डी बराड़ और गोदारा ने अनमोल की बेल बॉन्ड की प्रक्रिया में मदद नहीं की थी. हालांकि अनमोल को रिहा कर दिया गया, लेकिन उसके पैर में इलेक्ट्रॉनिक एंकल ब्रैसलेट (GPS ट्रैकर) लगाया गया है.
सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में मास्टरमाइंड है अनमोल
अनमोल बिश्नोई सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी के हत्याकांड में भी मास्टरमाइंड है. वहीं, हरियाणा के कुख्यात गैंगस्टर काला राणा उर्फ वीरेंद्र प्रताप के छोटे भाई नोनी राणा पर पिछले कुछ महीनों में लॉरेंस के लिए फिरौती कॉल करने और पैसे वसूलने का आरोप है.
गोल्डी बराड़ भी मूसेवाला की हत्या मामले में मुख्य आरोपी है, उसे भारत सरकार ने 2024 में UAPA कानून के तहत ‘डिज़िगनेटेड टेररिस्ट' घोषित किया था.
इस वजह से एजेंसी के लिए बढ़ गई मुसीबत!
शुरुआत में लॉरेंस ने अपना गैंग गोल्डी बराड़, काला राणा जैसे अपराधियों के साथ मिलकर बनाया था. धीरे-धीरे उसने अपने नेटवर्क को भारत के कई राज्यों से लेकर विदेशों तक फैला लिया. अब जब पुराने साथी ही एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हो गए हैं तो एजेंसियों के लिए यह नया सिरदर्द बनता जा रहा है.
यह भी पढ़ेंः लखनऊ एयरपोर्ट पर विमान की लैंडिंग के दौरान उठने लगा धुआं, बड़ा हादसा टला- देखें Video