Rajasthan Politics: प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी से राजस्थान में गरमाई सियासत, अशोक गहलोत बोले- 'जिस भाषा में...'

Lok Sabha Election 2024: प्रशांत किशोर द्वारा NDA को लेकर की गई भविष्यवाणी पर अब राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.

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Rajasthan News: देश में जारी लोकसभा चुनाव का रिजल्ट जारी होने में अब मात्र 11 दिन का समय शेष बचा है. चुनावी नतीजे 4 जून को जारी होने वाले हैं. ऐसे में सभी पार्टियां अपनी-अपनी जीत का दावा कर रही हैं. इस बीच सबसे ज्यादा चर्चा प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी की हो रही है, जिस पर अब राजस्थान में भी सियासत गरमा गई है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने पीके की भविष्यवाणी पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

पीके की भविष्यवाणी पर गहलोत का बयान

पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने एक्स पर लिखा, 'चुनाव में मतदाताओं का मूड भांपने के बाद बीजेपी अब पूरी तरह से हताश हो चुकी है. बीजेपी ने अपने सभी नेताओं और समर्थकों को निर्देश दिया है कि जिस भाषा में वे बीजेपी की प्रचंड बहुमत से जीत का दावा करते हैं उसी भाषा का इस्तेमाल करें और बीजेपी के पक्ष में जनता में भ्रम पैदा करें. यही कारण है कि अचानक ही तमाम राजनीतिक विश्लेषकों, अर्थशास्त्रियों और पत्रकारों समेत तमाम लोगों की भविष्यवाणियों की बाढ़ आ गई है.'

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NDTV पर पीके ने की थी यह भविष्यवाणी

दरअसल, एनडीटीवी के एडिटर-इन-चीफ संजय पुगलिया से खास बातचीत में राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर के भविष्यवाणी करते हुए कहा था कि मोदी सरकार सत्ता में वापसी करेगी. उनके मुताबिक देश में मोदी विरोध लहर देखने को नहीं मिल रही है. मोदी के नाम पर बीजेपी इस चुनाव को जीतने जा रही है. पीके के मुताबिक 400 पार और 370 का नारा बस बीजेपी का चुनावी गेम है. विपक्ष इसको समझ नहीं पाया और बुरी तरह उलझ कर रह गया. उनका कहना है कि एनडीए साल 2019 की तरह 303 के स्कोर पर या फिर उससे भी अच्छे नंबरों के साथ पास हो जाएगी.

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'बीजेपी को 15 से 20 सीटों का फायदा'

इंटरव्यू के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा था कि उत्तर और पश्चिम में करीब 325 लोकसभा सीटें हैं. यह क्षेत्र 2014 से बीजेपी का गढ़ रहा है. मौजूदा लोकसभा चुनाव में भी पश्चिम और उत्तर में बीजेपी को कोई खास नुकसान होता नहीं दिख रहा है. वहीं पूर्व और दक्षिण में, जहां करीब 225 सीटें हैं. वर्तमान में बीजेपी के पास इन राज्यों में 50 से कम सीटें हैं. पहले भले ही बीजेपी का प्रदर्शन इन जगहों पर अच्छा नहीं रहा हो, लेकिन इस चुनाव ओडिशा, तेलंगाना, बिहार, आंध्र, बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल  जैसे दक्षिण-पूर्वी राज्यों में बीजेपी की सीटें घटने की बजाय बढ़ेंगी. यहां पर पार्टी कुल सीटों में 15-20 सीटों का फायदा होता दिख रहा है.

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