जोधपुर में फर्स्ट टाइम वोर्ट्स ने उठाया इलेक्टोरल बॉन्ड और मणिपुर का मुद्दा, व्यापारियों ने कहा- 'MSME से हो रहा नुकसान'

जोधपुर में फर्स्ट टाइम वोटर्स ने अहम मुद्दों को उठाया है. युवाओं ने शिक्षा से लेकर मणीपुर और इलेक्टोरल बॉन्ड का मुद्दा उठाया. वहीं व्यापारी वर्ग ने भी अपनी-अपनी परेशानी के बारे में बताया है.

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जोधपुर के फर्स्ट टाइम वोर्ट्स

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है. जहां पहले चरण के लिए राजस्थान में 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. वहीं, दूसरे चरण के में 26 अप्रैल को वोटिंग होगी. राजस्थान के हॉट सीट में एक जोधपुर सीट पर दूसरे चरण में मतदान होना है. राजनीतिक दल भी जोधपुर की हॉट सीट पर ताबड़तोड़ प्रचार प्रसार में जुटे हैं. जोधपुर लोकसभा सीट पर इस बार भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने राजपूत प्रत्याशी पर दांव खेलते हुए चुनावी मैदान में उतार कर मुकाबले को ओर रोचक बना दिया है. दोनों ही राजनीतिक दलों के शीर्ष नेतृत्व भी जोधपुर लोकसभा की सीट पर होने वाली कांटे की टक्कर पर पैनी नजर बनाए हुए. इसी बीच एनडीटीवी की टीम जोधपुर लोकसभा क्षेत्र में उन वोटर्स के बीच पहुंची जिनका वोट इस चुनाव में जीत और हार में अपने निर्णायक भूमिका के रूप में महत्वपूर्ण माना जाता है.

जोधपुर में यूथ वोटर्स और फर्स्ट टाइम वोटर्स ने अहम मुद्दों को उठाया है. युवाओं ने शिक्षा से लेकर मणीपुर और इलेक्टोरल बॉन्ड का मुद्दा उठाया. वहीं व्यापारी वर्ग ने भी अपनी-अपनी परेशानी के बारे में बताया है.

फर्स्ट टाइम वोटर्स ने मणिपुर और इलेक्टोरल बॉन्ड पर क्या कहा

जोधपुर के फर्स्ट टाइम वोटर्स के मुख्य मुद्दों की बात करें तो उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड और मणिपुर वॉयलेंस बड़ा मुद्दा बताया. उनका कहना है कि पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की भी कुछ सीटे बढ़ सकती है. जिसका बड़ा कारण है कि देश में काफी कुछ चीजें ऐसी हो रही है जिसे बीजेपी द्वारा नेगलेक्ट किया जा रहा है. जिसमें उदाहरण के रूप में मणिपुर वायलेंस और इलेक्टोरल बॉन्ड बड़ा मुद्दा है. फर्स्ट टाइम अपने मत का प्रयोग करने वाले विद्यार्थियों ने अपने विश्वविद्यालय को सेंट्रल यूनिवर्सिटी के दर्जा देने वाले नेता को वोट देने की बात भी कही. वहीं इन यूथ वोटर्स में अधिकांश वोटर्स ने विकास और शिक्षा के साथ ही उच्च गुणवत्ता की शिक्षा में नवीनीकरण के मुद्दे पर वोट डालने की बात कही.विद्यार्थियों ने बताया कि इस बार उनका मुख्य चुनावी मुद्दा शिक्षा और शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देना रहेगा.

वहीं, कई विद्यार्थियों का यह मानना है कि चुनाव सीधे तौर पर बीजेपी बनाम कांग्रेस होगा. हालांकि बीजेपी जीत सकती है जिसका सबसे बड़ा कारण है कि देश में एक मजबूत विपक्ष नहीं. इस बार कांग्रेस एक स्ट्रांग ओपजिशन भी नहीं रहा है. जिसका फायदा बीजेपी को मिलेगा.

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व्यापारी वर्ग ने MSME और GST का मुद्दा उठाया

जोधपुर में जीत और हार में निर्णायक भूमिका में व्यापारी वर्ग भी आते हैं. व्यापारियों ने अपने चुनावी मुद्दों के रूप में सरकार से एमएसएमई (MSME) में पंजीकृत व्यापारियों के नियमों में सरलीकरण के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया.व्यापारियों ने अपनी बात को रखते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों से एमएसएमई के नियमों के चलते व्यापारियों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है. इसके नियमों में या तो सरलीकरण किया जाए और या फिर यह नियम मैन्युफैक्चर से लेकर रिटेलर तक लागू किया जाए. व्यापारी ने अपने मुद्दो को रखते हुए कहा कि एमएसएमई के चलते मार्केटिंग में परचेसिंग भी रुक गई है और उसकी वजह से मार्केट भी डाउन हो गया है और स्टॉक भी हो गया है. जिसके चलते  एमएसएमई का न तो पेमेंट आ रहा है और ना ही जा रहा है. ऐसे में व्यापारी वर्ग काफी परेशान है. वहीं कहीं व्यापारियों ने इस लोकसभा चुनाव में जीएसटी के साथ ही स्थानीय छोटे व्यापारियों के हित से जुड़े मुद्दों पर भी अपनी बात रखी.

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