लोकेश शर्मा ने अशोक गहलोत को लेकर फिर किये कई खुलासे, कहा- मनमानी नहीं की होती तो राजस्थान में...

लोकेश शर्मा ने फिर से गहलोत पर हमला बोला है. इस बार लोकेश शर्मा ने बेहद तल्ख़ टिप्पणी की है. और कहा है कि अगर मनमानी नहीं करते तो राजस्थान में कांग्रेस की सरकार होती.

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Ashok Gehlot vs Lokesh Sharma: विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर उनके ओएसडी रहे लोकेश शर्मा की ओर से सियासी हमले जारी है. हाल ही में अशोक गहलोत के विधानसभा चुनाव के परिणामों पर दिए एक बयान के बाद लोकेश शर्मा ने फिर से गहलोत पर हमला बोला है. इस बार लोकेश शर्मा ने बेहद तल्ख़ टिप्पणी करते हुए यहां तक कह दिया कि हमेशा की तरह मुख्यमंत्री रहते हुए हार का ठीकरा प्रोपेगेंडा के नाम फोड़ दिया जबकि सब जानते हैं अशोक गहलोत ने मनमानी नहीं की होती और तमाम फ़ीडबैक्स के मद्देनज़र चेहरे बदलते तो प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होती.

लोकेश शर्मा ने X पोस्ट पर लिखा, गहलोत ने प्रदेश अध्यक्ष को बेवकूफ़ और प्रभारी को मुख्यमंत्री निवास में डिनर का भूखा और राजनीति नहीं समझने वाला व्यक्ति बोलते हुए मनमानी कर अपने निर्णय थोपे थे तो हार की जिम्मेदारी तो खुद लो. दरअसल, अशोक गहलोत ने अपने एक बयान में कहा था कि विधानसभा चुनाव में इलेक्ट्रोड बॉन्ड और भाजपा का प्रोपगेंडा उनकी योजनाओं पर भारी पड़ गया. 

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लोकेश शर्मा ने बयान पर क्या कहा

गहलोत के इस बयान पर लोकेश शर्मा ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि बेशर्मी की हद है..!!

राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की हार पर खुद को क्लीन चिट देते हुए अशोक गहलोत ने BJP के झूठे प्रोपेगेंडा और इलेक्टोरल बॉन्ड को ज़िम्मेदार बता दिया तो फिर कहां गया रोज गिनाए जाने वाला अनुभव. सरकारी खजाने को खाली कर चलाई गयी भारी भरकम योजनाएं. सारी जादूगरी, रणनीति, कथित कुशल प्रबंधन. 25 सितम्बर को आलाकमान की अवमानना के बाद पूरी मनमानी के साथ एकतरफ़ा निर्णय लेते हुए सरकार रिपीट करने का दावा और पूरी तरह डिजाइन्ड खुद के चेहरे पर एकतरफ़ा कैम्पेन. 

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लोकेश शर्मा ने लिखा है कि गहलोत ने खुद के चेहरे पर चुनाव लड़ा, फिर भी जिम्मेदार बीजेपी का झूठा प्रोपेगेंडा. मतलब पूरे सरकारी संसाधनों के जमकर दुरूपयोग के बाद भी झूठे प्रोपेगेंडा को झूठा साबित नहीं कर पाए. 
फिर 40 साल से क्या ख़ाक राजनीति की प्रदेश में. अपने आप को राजस्थान का गांधी, जननायक और जादूगर तक कहलवा लिया फिर भी वही ढाक के तीन पात.

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लोकेश शर्मा ने आगे कहा, हमेशा की तरह मुख्यमंत्री रहते हुए हार का ठीकरा प्रोपेगेंडा के नाम. जबकि सब जानते हैं अपनी हठधर्मिता के चलते मनमानी नहीं की होती और तमाम फ़ीडबैक्स के मद्देनज़र चेहरे बदलते और समय पर सही फ़ैसले लेते तो आज प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होती. प्रदेश अध्यक्ष को बेवकूफ़ और प्रभारी को मुख्यमंत्री निवास में डिनर का भूखा और राजनीति नहीं समझने वाला व्यक्ति बोलते हुए मनमानी कर अपने निर्णय थोपे थे तो हार की जिम्मेदारी तो खुद लो. 

ग़ौरतलब है कि इससे पहले भी लोकेश शर्मा ने फ़ोन टैपिंग, पेपर लीक सहित कई बड़े मुद्दों में अशोक गहलोत की भूमिका बताते हुए सवाल खड़े किए थे. फ़ोन टैपिंग मामले में लोकेश शर्मा के ख़िलाफ़ दिल्ली क्राइम ब्रांच में FIR दर्ज है लोकेश शर्मा ने कुछ दिन पहले प्रेस कॉन्फ़्रेन्स कर फ़ोन टैपिंग मामले में टैपिंग के लिए ज़िम्मेदार अशोक गहलोत को बताया था.

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