Raksha Bandhan 2025: कहां से हुई भाभी को राखी बांधने की शुरुआत? जानें क्या है इसका राजस्थानी कनेक्शन

Raksha Bandhan kab hai: रक्षाबंधन 2025 इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं. लेकिन कई जगहों पर भाई के साथ-साथ भाभियों की कलाई पर भी राखी बांधने की परंपरा है, जो उत्तरी राज्य राजस्थान से चली आ रही है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
ननंद भाभी की कलाई पर राखी बांधते हुए

Lumba Rakhi Tradition: रक्षाबंधन का त्योहार, भाई और बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक है. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है, लेकिन देश के कुछ हिस्सों में इस रिश्ते में एक और प्यारा रिश्ता जुड़ गया है-भाभी का. इस बार यह त्योहार 9 अगस्त को पूरे उत्तर भारत में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा. 

राजस्थान के मारवाड़ी परिवारों से चली आ रही है यह परंपरा 

यह अनूठी परंपरा, जो मूल रूप से राजस्थान के मारवाड़ी परिवारों में यह परंपरा सदियों से चली आ रही है. इसमें बहनें अपने भाई के साथ-साथ अपनी ननद की कलाई पर भी राखी बांधती हैं. इस खास राखी को लुम्बा राखी कहते हैं। यह परंपरा सिर्फ़ एक रस्म नहीं, बल्कि ननद और भाभी के रिश्ते की मज़बूती और प्यार को दर्शाती है.

Lumba Rakhi

क्या है लुंबा राखी?

लूम्बा राखी पारंपरिक राखी से थोड़ी अलग होती है. इसमें अक्सर रंग-बिरंगे धागे, मोती, शीशे और खूबसूरत लटकन लगे होते हैं. इसे कलाई पर बांधने के बजाय, भाभी की चूड़ियों पर बांधा जाता है. यह नीचे की ओर लटकती है, जिससे इसका लुक और भी आकर्षक लगता है.

इस परंपरा का महत्व

भारतीय संस्कृति में पत्नी को पति की 'वामांगी' यानी शरीर का बायां अंग माना जाता है. पति-पत्नी हर धार्मिक कार्य और जिम्मेदारियों में एक-दूसरे के समान भागीदार होते हैं. इसी मान्यता के कारण, जब बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधती है, तो भाई की पत्नी यानी भाभी को भी उस सुरक्षा और प्रेम के बंधन में शामिल किया जाता है.

लुंबा राखी
Photo Credit: META (AI)

लुंबा राखी बांधने के पीछे कई खूबसूरत भावनाएं जुड़ी हैं

बहनें अपनी भाभी को लुंबा राखी बांधकर उनके प्रति अपना स्नेह और सम्मान व्यक्त करती हैं. यह ननद-भाभी के रिश्ते में प्यार और मिठास घोलता है. जो यह संदेश देती हैं कि भाई के साथ-साथ भाभी भी उनके लिए परिवार का एक अभिन्न अंग हैं और वे उनकी खुशहाली की कामना करती . मारवाड़ी समुदाय में यह मान्यता है कि शादी के बाद पति-पत्नी एक-दूसरे के पूरक होते हैं. इसलिए, भाभी को राखी बांधना भाई के सम्मान और उनके दांपत्य जीवन की खुशहाली के लिए भी होता है.

Advertisement

यह भी पढ़ें:

Topics mentioned in this article