Rajasthan News: राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने शनिवार को शासन सचिवालय स्थित पंचायतीराज सभागार में आयोजित शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि शिक्षा में संस्कार के समावेश के लिए शिक्षकों सहित सभी विभागीय कार्मिकों को आदर्श व्यवहार अपनाना होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को गुणवत्ता और संस्कार युक्त शिक्षा के लिए समुचित प्रयास किए जाएं.
शिक्षा विभाग के विशेष निर्देश
शिक्षा विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों और शिक्षकों की आचरण, कार्यशैली के आधार पर ग्रेडिंग करने, सभी कार्मिकों, शिक्षकों और विद्यार्थियों को जारी परिचय पत्र गले में पहनने, व्यावसायिक शिक्षा में नवीनतम तकनीक का समावेश करने, जिलेवार नोडल अधिकारी नियुक्त कर प्रतिमाह 2 दिन ग्रामीण क्षेत्रों में रात्री विश्राम कर फीडबैक देने, शिक्षकों को दिये जाने वाले प्रशिक्षण से होने वाले प्रभाव की समीक्षा करने, विद्यार्थियों को अपने गांव और स्थानीय परिवेश के बारे में विस्तृत जानकारी देने, घुमन्तू परिवारों के बालकों को शिक्षा से जोड़ने के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिये.
5 जुलाई तक किताबें मुहैया कराने के कड़े निर्देश
साथ ही विभाग ने विद्यालयों का कलर कोड और भवनों की स्टैंडर्ड डिजाईन निर्धारित करने, विभागीय कार्यों के निस्तारण की समय सीमा तय करने, निजि विद्यालयों की मान्यता के प्रकणों का त्वरित निस्तारण करने, कस्तुरबा गांधी बालिका विद्यालय सहित अन्य आवासीय विद्यालयों में शिक्षकों के अप-डाउन की प्रवृति पर रोक लगाने, आगामी शिक्षा सत्र में 5 जुलाई तक पाठ्य पुस्तकें विद्यालयों में उपलब्ध करवाया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.
'1 से 5 के पाठ्यक्रम में स्थानीय परिदृश्य पर फोकस'
शासन सचिव स्कूल शिक्षा कृष्ण कुणाल ने कहा कि विद्यालयों में उपलब्ध करवायें गये व्यावसायिक किट सहित अन्य शिक्षण सामग्री का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए नियमित निरीक्षण करें. साथ ही व्यावसायिक प्रशिक्षण लेने वाले विद्यार्थियों को रोजगार से जोड़ें. उन्होंने कक्षा 1 से 5 के पाठ्यक्रम में स्थानीय परिदृश्य पर फोकस करने और ग्रामीण क्षेत्र के आवश्यकता वाले विद्यालयों में कक्षा-कक्ष निर्माण के प्रस्ताव मनरेगा को भिजवाने के निर्देश दिये.