Rajasthan News: राजस्थान के शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की. दोनों के बीच खुले में घूम रहे गोवंश, पॉलिथीन कचरा और वाटर बॉडीज के पुनर्जीवन को लेकर अहम चर्चा हुई. मंत्री दिलावर ने सड़क दुर्घटनाओं, जनहानि और फसलों को हो रहे नुकसान के लिए आवारा गोवंश को प्रमुख कारण बताया और इसके स्थायी समाधान के तौर पर "गोपालक योजना" को पुनर्जीवित करने का सुझाव दिया.
'फिर शुरू हो गायों को चराने की परंपरा'
मदन दिलावर ने कहा कि राजस्थान में हर साल करीब 5,000 लोग सड़क हादसों में जान गंवाते हैं और 20,000 से अधिक घायल होते हैं, जिनमें प्रमुख कारण सड़कों पर घूम रही गायें हैं. साथ ही 20,000 से ज्यादा गोवंश भी घायल या मृत हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि गायों को चराने की परंपरागत 'गोपालक प्रणाली' को फिर से शुरू किया जाए, ताकि गोवंश सड़कों पर न भटके.
राज्य सरकार ने भेजा प्रस्ताव
मंत्री दिलावर ने प्रदेश में फैले पॉलिथीन कचरे को स्वच्छता अभियान में सबसे बड़ी बाधा बताया और इसे हटाने के लिए महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत कार्य स्वीकृत करने की मांग रखी. उन्होंने कहा कि यदि नरेगा से पॉलिथीन संग्रहण का काम अनुमति प्राप्त कर ले, तो राज्य को दो महीने में पूरी तरह पॉलिथीन मुक्त किया जा सकता है.
मदन दिलावर ने बताया कि राज्य सरकार ने केंद्र को 167 जल स्रोतों के पुनर्जीवन के लिए 87.24 करोड़ रुपये के प्रस्ताव भेजे हैं. ये जल स्रोत WDC-PMKSY 2.0 परियोजना क्षेत्र से बाहर स्थित हैं. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की 24 दिसंबर 2024 को हुई बैठक में इन स्रोतों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए गए थे, जिसके तहत राज्य सरकार ने यह प्रस्ताव तैयार कर भेजा है.
बैठक में केंद्रीय मंत्री शिवराज चौहान ने सभी बिंदुओं को गंभीरता से लेने और आगामी नीति निर्धारण में उन्हें शामिल करने का आश्वासन दिया. मंत्री दिलावर ने उम्मीद जताई कि इन प्रयासों से न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता बढ़ेगी बल्कि सड़क दुर्घटनाएं और गोवंश से जुड़े संकट भी कम होंगे.
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