एमपी से राजस्थान पहुंच गई बाघिन, 8 हाथियों पर सवार होकर तलाश में निकले अधिकारी

Ramdhari tiger reserve: बाघिन पी-224 की तलाश के लिए रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में सर्च अभियान चलाया जा रहा है. बाघिन की सटीक लोकेशन जानने के लिए 40 से अधिक कैमरे लगाए गए हैं.

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मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व क्षेत्र से आई बाघिन पी-224 की तलाश राजस्थान में जारी है. सर्च ऑपरेशन में जुटी टीम ने रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में तलाश शुरू कर दी है. बाघिन की लोकेशन ट्रैक करने के लिए इंटर-स्टेट टाइगर ट्रांस लोकेशन प्रक्रिया जारी है. कोटा सीसीएफ वाइल्ड लाइफ सुगनाराम जाट और डॉ. तेजेंद्र सिंह रियार दोबारा पेंच टाइगर रिजर्व पहुंचे हैं. लगातार कोशिशों के बावजूद भी अभी रेस्क्यू अभियान को सफलता नहीं मिल पाई है. शुक्रवार सुबह से बाघिन की सर्चिंग फिर शुरू की गई है.

जंगल में 40 से अधिकर कैमरे लगाए गए

अधिकारियों के अनुसार, बाघिन की सटीक लोकेशन जानने के लिए रुखड़ और कुरई जंगल क्षेत्र में 40 से अधिक कैमरे लगाए गए हैं. जबकि 13 ऑनलाइन कैमरों से भी निगरानी की जा रही है. इसके अलावा करीब 30 स्थानों पर बाघिन के पगमार्क चिन्हित करने के लिए पीआईपी (रेत वाले स्थल) बनाए गए हैं.  

बार-बार वन विभाग की टीम खा गई चकमा

बाघिन को घेरने के लिए जंगल में आठ हाथियों का दल कई घंटों तक तैनात रहा. पांच बार दिखाई देने के बावजूद बाघिन पी-224 अपनी चालाकी से हाथी दल को चकमा देकर जंगल में छिपने में सफल रही. सर्च अभियान में हाथियों के महावतों सहित करीब 30 वनकर्मियों की विशेष टीम लगातार गश्त कर रही है. वन विभाग को उम्मीद है कि जल्द ही बाघिन को सुरक्षित ट्रैंकुलाइज कर ट्रांस लोकेट किया जाएगा.

बाघिन की कॉलर आईडी नहीं होने के चलते मुश्किल

इस बाघिन को पूर्व में ट्रेंकुलाइज किया जा चुका था, लेकिन बाघिन का कॉलर आईडी निकल गया. इसी के चलते बाघिन वन विभाग की जद से बाहर निकल गई. अब उसे वापस तलाशा जा रहा है. इंटर स्टेट टाइगर ट्रांसलोकेशन को लेकर बूंदी में एयर सर्विसेज की ट्रायल भी हो चुकी है.

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