Harsha Richhariya News: हर्षा रिछारिया ने जिस संत पर लगाए गंभीर आरोप, उनका वीडियो आया सामने, अब दी सफाई

Harsha Richharya on Mahakumbh: हर्षा रिछारिया ने महाकुंभ छोड़ने के पीछे जिस संत को जिम्मेदारी ठहराया था, अब उन्होंने वीडियो जारी कर मॉडल के आरोपों पर सफाई दी है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
वायरल संत हर्ष रिछारिया पर आरोप पर स्वामी आनंद स्वरूप की सफाई.

Maha Kumbh Mela: प्रयागराज महाकुंभ में 'सबसे सुंदर साध्वी' कही जाने वाली हर्षा रिछारिया (Harsha Richhariya) ने गुरुवार शाम रोते-रोते एक इंटरव्यू में महाकुंभ छोड़ने का ऐलान किया और इसी वजह शांभवी पीठ के पीठाधीश्वर को बताया. हर्षा रिछारिया के उन आरोपों पर अब स्वामी आनंद स्वरूप (Swami Anand Swaroop ) का बयान सामने आना है. उन्होंने फेसबुक पर वीडियो जारी करते हुए कहा, 'महाकुंभ में हर्षा रिछारिया जैसी कई लाख लड़कियां आई हुई हैं. मैंने किसी को कुछ नहीं कहा. लेकिन हर्षा रिछारिया आचार्य के रथ पर सवार होकर मीडिया में 2 साल से साध्वी होने का बयान दे रही थी. जब मुझे असलियत का पता चला तो उसे रोकना मेरा कर्तव्य था. ऐसा करके मैंने हर्षा रिछारिया को सही रास्ता दिखाया है. इसमें उसे बुरा मानने की जरूरत नहीं है. आगे अगर ऐसा काम कोई दूसरा भी करेगा तो उसके साथ भी मैं यही करूंगा.' 

अगले महीने हर्षा रिछारिया की शादी है: आनंद स्वरुप

हर्षा रिछारिया गलत रास्ते पर जा रही थी. इसीलिए मैंने उसे रोका. अब हर्षा रिछारिया की सारी असलियत बाहर आ गई है. हर्षा रिछारिया की मां का कहना है कि उसकी अगले महीने शादी होने वाली है. ये सब जानने के बाद भगवा रंग का मजाक बनाते देखना मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता. अगर हर्षा रिछारिया एक सामान्य लड़की की तरह महाकुंभ मेले में आकर अपने ही गुरु के शिविर में रहती है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन अगर बिना सन्यास लिए हर्षा रिछारिया ने दोबारा त्रिपुण्ड लगाया, तो मैं फिर उसे टोकूंगा, फिर से रोकूंगा.'

Advertisement

मैं कुंभ से चली जाऊंः हर्षा रिछारिया

खुद को निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री कैलाशानंदगिरि जी महाराज की शिष्या बताने वाली मॉडल और एंकर हर्षा रिछारिया ने अपने 'एक्स' अकाउंट से वीडियो शेयर करते हुए कहा, 'शर्म आनी चाहिए कि एक लड़की जो धर्म से जुड़ने आई थी, धर्म को समझने आई थी, सनातन संस्कृति को समझने आई थी. आपने उसको इस लायक नहीं छोड़ा कि वो पूरे कुंभ में रुक पाए. वो कुंभ जो हमारी जीवन में एक बार आएगा. आपने वो कुंभ एक इंसान से छीन लिया. इसके पुण्य का तो नहीं पता लेकिन ये जो आनंद स्वरुप जी हैं, उनको इसका पाप जरूर लगेगा. यहां कुछ लोगों ने मुझे धर्म से जुड़ने का मौका नहीं दिया. संस्कृति में रमने का मौका नहीं दिया. इस कॉटेज में रहकर मुझे यह फील हो रहा है कि मैंने कोई बड़ा गुनाह कर दिया है. जबकि मेरी गलती नहीं है. पहले मैं आई थी पूरे महाकुंभ में रहने की मंशा से आई थी. पूरे 24 घंटे इसी रूम को देखना पड़ रहा है तो इससे बेटर है कि मैं महाकुंभ से चली जाऊं.'

Advertisement

अमृत स्नान के पहले दिन रथ पर बैठने से विवाद

प्रयागराज महाकुंभ के पहले अमृत स्नान में हर्षा रिछारिया को महामंडलेश्वर के शाही रथ पर बैठे देखा गया था. इसी दौरान उनका पहला मीडिया इंटरव्यू हुआ था, जिसके बाद वो देशभर में फेमस हो गई थीं. लेकिन साधुओं को हर्षा के शाही रथ पर बैठने से आपत्ति हुई, जिससे विवाद बढ़ गया. पहले स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा, 'एक आचार्य महामंडलेश्वर द्वारा मॉडल को रथ पर बैठाकर अमृत स्नान पर जाना समाज के लिए उचित नहीं है. इससे श्रद्धालुओं की आस्था धीरे-धीरे कमजोर हो रही है. साधु-संतों को समाज को सही दिशा में ले जाने का प्रयास करना चाहिए, न कि धर्म का दिखावा करना चाहिए. धर्म को प्रदर्शन का हिस्सा बनाना खतरनाक है. इससे बचना चाहिए. यदि साधु-संतों ने इसे नहीं रोका, तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. साधु-संतों को त्याग की परंपरा का पालन करना चाहिए, न कि भोग की.'

Advertisement

चेहरे के बजाय हृदय की सुंदरता देखी जानी चाहिए: शंकराचार्य

इसके बाद ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सवाल उठाते हुए कहा था, 'महाकुंभ में चेहरे की सुंदरता नहीं बल्कि हृदय की सुंदरता देख जाना चाहिए था. जो अभी यह नहीं तय कर पाया है कि संन्यास की दीक्षा लेनी है या शादी करनी है, उसे संत महात्माओं के शाही रथ पर जगह दिया जाना उचित नहीं है. श्रद्धालु के तौर पर शामिल होती तब भी ठीक था, लेकिन भगवा कपड़े में शाही रथ पर बिठाना पूरी तरह गलत है. सनातन के प्रति समर्पण होना जरूरी होता है.'

ये भी पढ़ें:- हिंडनबर्ग रिसर्च बंद होने से 'बहुत खुश' हैं किरोड़ी लाल मीणा, बोले- ये कांग्रेस का प्रोपेगेंडा था'