Jal Jeevan Mission Scam: पूर्व मंत्री महेश जोशी को नहीं मिली राहत, राजस्थान हाई कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

इस मामले में 20 जून को ईडी की विशेष अदालत में चालान पेश हो चुका है, जिसमें PMLA एक्ट की धारा 3 और 4 के तहत आरोप लगाए गए हैं.

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पूर्व जलदाय मंत्री महेश जोशी को नहीं मिली जमानत.

Rajasthan News: राजस्थान की सियासत में 'जल जीवन मिशन' का 979 करोड़ रुपये का कथित घोटाला अब एक नया मोड़ ले चुका है. पूर्व जलदाय मंत्री महेश जोशी (Mahesh Joshi) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. जिस उम्मीद से वे राजस्थान हाई कोर्ट (Rajasthan High Court) पहुंचे थे, वहां से भी उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा है. मंगलवार को कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है. यह एक बड़ा झटका है, क्योंकि इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने भी उनकी जमानत अर्जी नामंजूर कर दी थी.

क्या है पूरा मामला?

यह मामला जल जीवन मिशन (JJM) में हुए कथित घोटाले से जुड़ा है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) का आरोप है कि इस योजना के तहत पानी के कनेक्शन देने के नाम पर करीब 979.45 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. इस मामले में ईडी ने 24 अप्रैल को महेश जोशी को गिरफ्तार किया था. ईडी का दावा है कि जोशी ने टेंडर प्रक्रिया में रिश्वत ली और उनके बेटे की फर्म में 50 लाख रुपये का लेनदेन भी हुआ.

कोर्ट में क्या हुआ?

मंगलवार को राजस्थान हाई कोर्ट में जस्टिस प्रवीर भटनागर की एकलपीठ ने इस मामले की सुनवाई की. महेश जोशी की ओर से पेश हुए वकीलों ने दलील दी कि उनका नाम एसीबी के मूल केस में नहीं है. उनका यह भी कहना था कि ED ने उन पर 2.01 करोड़ रुपये के आरोप तो लगाए हैं, लेकिन इसके कोई पुख्ता सबूत नहीं दिए हैं.

वहीं, ED के वकील अक्षय भारद्वाज ने इन दलीलों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि जोशी का नाम एसीबी की एक अन्य FIR में है और उनके खिलाफ सबूत मौजूद हैं. वकील ने जोर देकर कहा कि आरोपी को तभी जमानत मिल सकती है जब कोर्ट को यकीन हो जाए कि उसने कोई अपराध नहीं किया है, लेकिन इस मामले में प्रथम दृष्टया ऐसा नहीं पाया गया है.

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मामले से जुड़े कुछ बड़े सवाल

Q1. जल जीवन मिशन घोटाला क्या है?
A. यह 979 करोड़ रुपये का एक कथित घोटाला है जिसमें राजस्थान में जल जीवन मिशन के तहत पानी के कनेक्शन देने के नाम पर फर्जीवाड़े और रिश्वतखोरी के आरोप हैं.

Q2. महेश जोशी को कब गिरफ्तार किया गया था?
A. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें 24 अप्रैल को गिरफ्तार किया था.

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Q3. ED ने महेश जोशी पर क्या आरोप लगाए हैं?
A. ED का आरोप है कि महेश जोशी ने टेंडर की प्रक्रिया में रिश्वत ली और उनके बेटे की फर्म में 50 लाख रुपये का लेन-देन हुआ.

Q4. ट्रायल कोर्ट ने पहले जमानत क्यों खारिज की थी?
A. 13 जून को ट्रायल कोर्ट ने भी उनकी जमानत अर्जी नामंजूर कर दी थी, क्योंकि प्रथम दृष्टया सबूतों के आधार पर कोर्ट को लगा कि अपराध हुआ है.

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Q5. PMLA एक्ट क्या है?
A. PMLA का मतलब है "Prevention of Money Laundering Act" (धनशोधन निवारण अधिनियम). यह एक कानून है जिसका उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग जैसे अपराधों को रोकना है.

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राजस्थान में बड़ा मुद्दा

महेश जोशी की गिरफ्तारी और जमानत याचिका का खारिज होना राजस्थान की राजनीति में एक बड़ा मुद्दा बन गया है. कांग्रेस इस मामले पर फिलहाल चुप्पी साधे हुए है, जबकि बीजेपी लगातार हमलावर है. यह मामला अभी लंबा खिंचेगा और आने वाले दिनों में और भी कई बड़े खुलासे होने की संभावना है.

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