Jhunjhunu: चिड़ावा में घोड़ी पर बैठाकर मनीषा की निकली बिंदौरी, जमकर थिरकी बींदड़ी

बींदड़ी मनीषा का सपना था कि वो अपनी शादी में बेटों की तरह घोड़ी पर बैठें. उसके सपनों को पूरे करने में उसके परिवार ने हमेशा उसका साथ दिया और अब जब मनीषा बींदड़ी बनी तो घोड़ी पर बैठाकर उसकी बिंदौरी निकाल परिवार ने उसका यह  सपना पूरा कर दिया.

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प्रतीकात्मक तस्वीर

Jhunjhunu News: राजस्थान के शेखावाटी अंचल में शादी हो और बेटा-बेटी एक समान का संदेश देने वाली तस्वीर सामने ना आए, ऐसा अब नहीं हो सकता. बेटियों को बराबर का दर्जा देने में हमेशा अग्रणी रहने वाले झुंझुनूं की बेटी का एक बार फिर सपना पूरा हुआ है, जब चिड़ावा कस्बे की मनीषा कुमारी को घोड़ी प बैठाकर उसकी बिंदौरी निकाली गई.

बींदड़ी मनीषा का सपना था कि वो अपनी शादी में बेटों की तरह घोड़ी पर बैठें. उसके सपनों को पूरे करने में उसके परिवार ने हमेशा उसका साथ दिया और अब जब मनीषा बींदड़ी बनी तो घोड़ी पर बैठाकर उसकी बिंदौरी निकाल परिवार ने उसका यह  सपना पूरा कर दिया.

रिपोर्ट के मुताबिक मनीषा की जब बिन्दौरी निकाली गई तो डीजे पर परिवार के सदस्य भी अपने आपको रोक नहीं पाए. सभी ने जमकर डांस किया.तो घोड़ी पर बैठी मनीषा ने भी ठुमके लगाए. मनीषा ने बताया कि, बचपन से लेकर आज तक मेरे परिवार ने मेरे हर सपने में ना केवल मेरा साथ दिया है, बल्कि उसे पूरा भी करवाया है.

आज के दौर में बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है. झुंझुनूं समेत शेखावाटी में बेटियों की बिन्दौरी से पूरा देश जान गया है कि शेखावाटी में बेटा-बेटी एक समान अब हर परिवार के लिए सम्मान की बात है.

बेटी को घोड़ी पर बिंदौरी निकालने पर सीताराम ने बताया कि शिक्षित समाज में बेटा और बेटी एक समान है. वर्तमान समय में बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा, विशेषकर झुंझुनूं जिले में लाखों लोगों ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शपथ ली हो और वहां पर बेटी की घोड़ी पर बिंदौरी निकालना सबसे बड़ा कार्य है.

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