Ram Temple: कार सेवा में बम फटने से गई थी जान, अब माता-पिता को मिला राम मन्दिर उद्घाटन में आने का न्यौता

Ram Mandir Pran Pratishtha: गौरतलब है कि 1990 के दशक में विश्व हिंदू परिषद के आह्वान पर हजारों कर सेवकों के साथ अजमेर के अविनाश महेश्वरी भी अयोध्या स्थित विवादित ढांचे को ढहाने के लिए गए थे. जहां दंगे ने बम फटने की वजह से उनकी जान चली गई थी.

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Ram Temple Ayodhya: अयोध्या में श्री राम मंदिर की कार सेवा में बम फटने से जान गंवाने वाले अजमेर के अविनाश महेश्वरी (Avinash Maheshwari) के पास माता-पिता को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का आमंत्रण लेकर विश्व हिंदू परिषद (VHP) के पदाधिकारी उनके घर पर पहुंचे. आमंत्रण पत्र मिलते ही शहीद अविनाश के माता-पिता की आंखें नम हो गईं. विश्व हिंदू परिषद के प्रांत मंत्री शशि प्रकाश इंदौरिया ने बताया कि, विश्व हिंदू परिषद ने माहेश्वरी परिवार से आग्रह किया है कि रामलाल की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद हनुमानगढ़ और कर सेवकों की हृदयस्थली कार सेवकपुरम के दर्शन जरूर करें.

'बेटे का बलिदान आज सफल हुआ'

निमंत्रण पत्र मिलने के बाद अविनाश महेश्वरी के माता-पिता की आंखें नम हो गईं और उन्होंने विश्व हिंदू परिषद को धन्यवाद दिया और कहा कि आज उनके बेटे ने जो त्याग और बलिदान श्री राम मंदिर के लिए दिया था वह आज सफल हुआ है. 500 साल के बाद श्री राम भगवान का भव्य मंदिर बनकर तैयार है. इस मंदिर में हमें निमंत्रण मिला हम लोग भी सौभाग्यशाली है.

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यह लिखा निमंत्रण पत्र में

श्री राम लला का महा प्रसाद आगमन और प्राण प्रतिष्ठा विशिष्टउत्सव. तिथि पोषशुक्ल द्वादशी ,सोमवार विक्रम संवत 2080, 22 जनवरी 2024, युगाब्द 5125, नक्षत्र मृगाशिरा, अभिजीत मुहूर्त अमृत सिद्धियोग, सर्वार्थ सिद्धियोग. माननीय मर्यादा पूरी अयोध्या भव्य श्री राम मंदिर निर्माण के पश्चात अपने विहंगम रूप में प्रस्तुत श्री राम लाल महा प्रसाद में रामलला दर्शन हेतु सभी सह्रदय भक्त प्रभ जनमानस का अभिनंदन करती है. लगभग 495 वर्षों के बाद आ रहे इस पावन सुअवसर का साक्षी होने का सत्भाग्य आपको प्राप्त हुआ है. इस अति विशिष्ट अवसर पर दिनांक 22 जनवरी 2024 सोमवार को आप सादर आमंत्रित है.

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बम फटने से चली गई थी जान 

गौरतलब है कि 1990 के दशक में विश्व हिंदू परिषद के आह्वान पर हजारों कार सेवकों के साथ अजमेर के अविनाश महेश्वरी भी अयोध्या स्थित विवादित ढांचे को ढहाने के लिए गए थे. जहां दंगे में बम फटने की वजह से उनकी जान चली गई थी.

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