Rajasthan: चित्तौड़गढ़ में अवैध महुआ कारोबार की कमर टूटी, 12 भट्ठियां तोड़कर 7 को दबोचा, शराब माफियाओं में दहशत

Operation Dhinwa: चित्तौड़गढ़ के 'संवेदनशील' धीनवा गांव में आबकारी विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए घर में बन रही 502 लीटर अवैध शराब को जब्त किया है. साथ ही साथ 12 भट्ठियों को नष्ट कर दिया है. इस रेड के लिए अधिकारी की बड़ी टीम गांव में पहुंची थी.

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राजस्थान: चित्तौड़गढ़ के 'संवेदनशील' गांव में बड़ी कार्रवाई, 502 लीटर अवैध शराब जब्त; 7 आरोपी गिरफ्तार
NDTV Reporter

Rajasthan News: राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के धीनवा गांव में अवैध शराब के संगठित नेटवर्क पर आबकारी विभाग और पुलिस ने मिलकर अब तक की सबसे बड़ी और निर्णायक चोट की है. संवेदनशील माने जाने वाले इस गांव से 502 लीटर अवैध महुआ शराब जब्त करते हुए 12 भट्टियों को भी ध्वस्त कर दिया गया है. इस ताबड़तोड़ एक्शन के बाद, लंबे समय से सक्रिय रहे शराब माफियाओं में भारी दहशत का माहौल है.

अवैध कारोबार की रीढ़ पर वार

जिला आबकारी अधिकारी गजेंद्र सिंह ने बताया कि धीनवा गांव की पहचान ही अवैध शराब के गढ़ के रूप में बन गई थी, जहां कई घरों में गुपचुप तरीके से महुआ आधारित शराब तैयार की जा रही थी. अवैध शराब बनाने के लिए इस्तेमाल हो रही 12 बड़ी भट्ठियों को मौके पर ही तोड़ दिया गया है. ये भट्ठियां इस कारोबार की रीढ़ थीं, जिनके ध्वस्त होते ही उत्पादन पूरी तरह ठप हो गया है. कार्रवाई के दौरान, 3000 लीटर 'वॉश' (शराब बनाने का कच्चा माल) नष्ट किया गया है. यह कच्चा माल, यदि शराब बन जाता, तो यह 500 लीटर से भी अधिक जहरीली शराब बाजार में पहुंच जाती.

3000 लीटर वॉश को नष्ट करते पुलिसकर्मी.
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7 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज, सभी गिरफ्तार

कार्रवाई के दौरान, अवैध शराब के निर्माण में सीधे तौर पर शामिल 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनकी पहचान भंवर सिंह, चरण सिंह, भगवान सिंह, लाल सिंह, महिपाल सिंह, नारायण सिंह और कालु सिंह के रूप में हुई है. ये सभी आरोपी गांव में अलग-अलग ठिकानों से अवैध शराब का उत्पादन कर रहे थे. इनके पास से कुल 502 लीटर तैयार अवैध शराब बरामद की गई है. सबसे अधिक 150 लीटर शराब लाल सिंह पुत्र निर्भय सिंह के ठिकाने से जब्त की गई. इन गिरफ्तारियों ने धीनवा गांव और आसपास के क्षेत्रों में अवैध कारोबारियों के नेटवर्क में खलबली मचा दी है. 

जिला आबकारी अधिकारी गजेंद्र सिंह ने बताया कि ये शराब आसपास के क्षेत्रों में सप्लाई की जाती थी.
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'संवेदनशील' गांव में बड़ी टीम लेकर पहुंचे अधिकारी

धीरवा गांव को अवैध शराब और आपराधिक सक्रियता के कारण लंबे समय से 'सेंसेटिव' माना जाता रहा है. यही वजह थी कि दबिश के लिए एक सुनियोजित और बड़ी रणनीति बनाई गई. चित्तौड़गढ़, निंबाहेड़ा, डूंगला और बेगूं के आबकारी दलों को निंबाहेड़ा सदर पुलिस थाना के साथ मिलकर एक मजबूत टीम बनाया गया. अधिकारियों ने बताया कि अचानक और संयुक्त रूप से की गई इस कार्रवाई के कारण, अवैध कारोबारियों को भागने या सबूत मिटाने का मौका नहीं मिला. यह संयुक्त प्रयास ही इस बड़ी सफलता का मुख्य कारण रहा.

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