RGHS योजना धोटाले मामले में पकड़ा गया मास्टर माइंड कंप्यूटर ऑपरेटर, अपलोड की थी लाखों की फर्जी पर्ची

शिवम आयुर्वेदिक ड्रग्स ने 77.34 लाख रुपये की बिक्री दिखाई. जिसमें से अकेले डॉ पवन जांगिड़ की पर्चियों से 47.84 लाख रुपये और डॉ कविता धनकड़ की पर्चियों से 10.65 लाख रुपये की दवाएं निकाली गईं.

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गिरफ्तार कंप्यूटर ऑपरेटर

RGHS Scam: राजस्थान सरकार की आरजीएचएस योजना में लाखों रुपये के कथित घोटाले मामले में चूरू की कोतवाली पुलिस ने मंगलवार को पहली गिरफ्तारी कर ली है. कोतवाली पुलिस ने रतननगर निवासी जितेंद्र स्वामी को गिरफ्तार किया है. जितेंद्र स्वामी चूरू के शिवम आयुर्वेदिक ड्रग्स में कम्प्यूटर ऑपरेटर है. जिसने डॉ पूजा रोहिल्ला के अवकाशकाल में उनके नाम से लाखों रुपए की कूटरचित पर्चियां पोर्टल पर अपलोड की थी. कोतवाली थाना के एएसआई वीरेंद्र सिंह ने बताया कि सीएमएचओ डॉ मनोज शर्मा ने अगस्त 2025 में इस मामले में दो आयुर्वेद डॉक्टर पवन जांगिड़ और डॉ. कविता धनकड़ सहित 9 जनों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था.

रिपोर्ट में बताया गया था कि सरकारी अस्पताल की परामर्श पर्चियां अस्पताल में नहीं बल्कि बाहर के मेडिकल स्टोर पर उपयोग हो रही थीं. आरजीएचएस कार्डधारकों से ओटीपी लेकर लाखों की फर्जी दवा पर्चियां बनाई जाती थीं. आरजीएचएस योजना से बड़ी संख्या में भुगतान उठाया जा रहा था.

पर्चियों से खरीदे गए लाखों की दवाईंया

बताया जा रहा है कि शिवम आयुर्वेदिक ड्रग्स ने 77.34 लाख रुपये की बिक्री दिखाई. जिसमें से अकेले डॉ पवन जांगिड़ की पर्चियों से 47.84 लाख रुपये और डॉ कविता धनकड़ की पर्चियों से 10.65 लाख रुपये की दवाएं निकाली गईं. इतना ही नहीं डॉ पूजा रोहिल्ला की छुट्टियों के दौरान 3.65 लाख रुपये की दवाएं उनके नाम से जारी की गईं.

CMHO ने नौ लोगों पर लगाया था गड़बड़ी का आरोप

जानकारी के अनुसार सीएमएचओ डॉ. मनोज शर्मा की रिपोर्ट पर अगस्त 2025 में इस मामले में दो आयुर्वेद डॉक्टरों डॉ. पवन जांगिड़, डॉ. कविता धनकड़ सहित नौ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. जांच में सामने आया कि सरकारी अस्पताल की परामर्श पर्चियों का उपयोग बाहर के मेडिकल स्टोर पर किया जा रहा था.

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आरजीएचएस कार्डधारकों से ओटीपी लेकर फर्जी दवा पर्चियां बनाई गईं. शिवम आयुर्वेदिक ड्रग्स ने कुल ₹77.34 लाख की बिक्री दिखाई, जिसमें अकेले डॉ. पवन जांगिड़ के नाम से ₹47.84 लाख और डॉ. कविता धनकड़ के नाम से ₹10.65 लाख की दवाएं जारी हुईं. वहीं, डॉ. पूजा रोहिल्ला की छुट्टियों के दौरान ₹3.65 लाख की फर्जी पर्चियां अपलोड की गईं.

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