Fake Currency in Rajasthan: राजस्थान में फेक करेंसी के कारोबार का सनसनीखेज मामला सामने आया है. राजस्थान पुलिस के आखों में सालों से धुल झोंककर नकली नोटों का कारोबार चल रहा था. इस नकली नोट का कारोबार केवल राजस्थान तक ही नहीं पूरे देश में फैला था. खास बात यह है कि इस फर्जी करेंसी के कारोबार के मास्टरमाइंड पति-पत्नी थे. जो एक गिरोह चला रहे थे. पुलिस ने झालावाड़ में इस गिरोह का पर्दाफाश किया है. पति-पत्नी देश भर में करोड़ों रुपये की फर्जी करेंसी भेजने की साजिश रच रहे थे. पुलिस को इनके कब्जे से 12 लाख 20 हजार रुपयों की नकली नोट बरामद हुए हैं.
कुरियर के जरिए भेजे जाते थे नकली नोट के कंसाइनमेंट
जांच में खुलासा हुआ कि यह गिरोह फर्जी नाम और पते से कुरियर सेवाओं के जरिए नकली भारतीय मुद्रा देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजता था. कंसाइनमेंट बुकिंग में गलत जानकारी देकर ये गिरोह लंबे समय से कानून की आंखों में धूल झोंक रहा था. महिला आरोपी तक पहुंचने में पुलिस को बड़ी तकनीकी चुनौती का सामना करना पड़ा, लेकिन सीसीटीवी फुटेज और साइबर ट्रैकिंग ने उसकी पहचान कर दी.
खुद करते थे मशीनों से नोटों की छपाई
झालरापाटन के ग्रोथ सेंटर स्थित किराए के मकान पर छापेमारी में पुलिस के होश उड़ गए. वहां से न केवल लाखों रुपये की फर्जी करेंसी मिली बल्कि कलर प्रिंटर, कटर, लैपटॉप, कागज़, स्क्रीन फ्रेम इमेजर जैसे अत्याधुनिक उपकरण भी जब्त किए गए, जिनसे बड़े पैमाने पर नकली नोटों की छपाई हो रही थी.
चंडीगढ़ में मिली थी झालावाड़ से भेजी गई फेक करेंसी
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान जितेन्द्र शर्मा (40) और उसकी पत्नी रजनी शर्मा (37) के रूप में हुई है. दोनों लंबे समय से इस गोरखधंधे में लिप्त थे और अब तक सैकड़ों नोटों की खेप देश भर में फैला चुके थे. इससे पहले चंडीगढ़ क्राइम पुलिस ने गिरोह के दो सदस्यों को 9.19 लाख रुपये के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया था. पूछताछ में खुलासा हुआ कि नोट झालावाड़ से भेजे गए थे, जिसके बाद यहां बड़ी कार्रवाई की गई.
पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने बताया कि यह गिरोह एक संगठित नेटवर्क का हिस्सा है, जो देश की आर्थिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन चुका था. फिलहाल आरोपियों से गहन पूछताछ जारी है और गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है.