Rajasthan News: जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल में शुक्रवार को एक एमबीबीएस तृतीय वर्ष के छात्र राकेश की अचानक तबीयत बिगड़ गई. हालत गंभीर होने पर उसे तुरंत जयपुर रेफर किया गया. प्रारंभिक जांच में सल्फास खाने की आशंका जताई जा रही है. छात्र ने विभागाध्यक्ष पर कुछ गंभीर आरोप भी लगाए हैं, लेकिन उसका बयान अभी पूरी तरह दर्ज नहीं हो पाया है.
जयपुर में आईसीयू में भर्ती, दो बार दी गई सीपीआर
जयपुर पहुंचने के बाद राकेश को तुरंत आईसीयू में भर्ती किया गया. डॉक्टरों ने उसे दो बार सीपीआर दिया, लेकिन उसकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है. शास्त्रीनगर थानाधिकारी जुल्फिकार अली ने बताया कि राकेश मेड़ता के जारोड़ा का रहने वाला है. उसकी तबीयत अचानक बिगड़ने के बाद उसे एमडीएम अस्पताल लाया गया था.
मानसिक तनाव से जूझ रहा था छात्र
राकेश पिछले दो साल से मथुरादास माथुर अस्पताल के मानसिक रोग विभाग से डिप्रेशन की दवाइयां और थेरेपी ले रहा था. उसकी मानसिक स्थिति को देखते हुए परिवार का कोई न कोई सदस्य, जैसे उसकी मां या पत्नी, हमेशा उसके साथ रहता था. राकेश की एक साल पहले ही शादी हुई थी.
डॉक्टरों के मानसिक स्वास्थ्य पर सवाल
लगातार ड्यूटी और काम के बोझ के कारण मेडिकल छात्र और डॉक्टर डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं. हाल ही में एमडीएम गर्ल्स हॉस्टल में फाइनल ईयर की छात्रा कविता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. उसका शव कई दिनों तक कमरे में पड़ा रहा. विशेषज्ञों का कहना है कि डॉक्टरों के मानसिक स्वास्थ्य की नियमित जांच जरूरी है. इसके लिए एक विशेष टीम बनाई जानी चाहिए, जो डॉक्टरों को मानसिक रूप से स्वस्थ होने का प्रमाण पत्र दे. बिना प्रमाण पत्र के किसी डॉक्टर को मरीजों का इलाज करने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए.
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